Sorry, you have been blocked

You are unable to access resetwindnsfix.icu

Why have I been blocked?

This website is using a security service to protect itself from online attacks. The action you just performed triggered the security solution. There are several actions that could trigger this block including submitting a certain word or phrase, a SQL command or malformed data.

What can I do to resolve this?

You can email the site owner to let them know you were blocked. Please include what you were doing when this page came up and the Cloudflare Ray ID found at the bottom of this page.

जानिए क्या है प्रेगनेंसी में उल्टी का इलाज-pregnancy me ulti ka ilaj in hindi

प्रेगनेंसी का समय महिलाओं के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं होता क्योंकि इस दौरान शरीर में कई सारे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिनके कारण गैस, पेट दर्द , कमर दर्द , मितली और उल्टी आने जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। प्रेगनेंसी में उल्टी आना, जी मिचलाने को मॉर्निंग सिकनेस कहते हैं परंतु यह दिन या रात कभी भी हो सकती है। प्रेगनेंसी में उल्टी होना बेहद सामान्य बात है परंतु कभी-कभी उल्टी होना चिंता का विषय बन जाता है।

गर्भावस्था के दौरान उल्टी आने के कारण

  • प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी होने का सबसे प्रमुख कारण है हार्मोन में होने वाला बदलाव। गर्भवती के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण उल्टी की समस्या होती है।
  • पेट में एसिडिटी होने के कारण भी गर्भवती महिला को उल्टी की समस्या हो सकती है ।
  • प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर भावनात्मक उतार-चढ़ाव होता रहता है किसी कारण तनाव की समस्या उत्पन्न होती है और तनाव उल्टी का कारण बनता है ।
  • असंतुलित खान-पान और धूम्रपान अथवा अल्कोहल के सेवन के कारण भी उल्टी की समस्या होती है ।
  • ज्यादा उम्र में प्रेगनेंट होने वाली महिलाओं में उल्टी की समस्या अधिक होती है ।
  • कुछ कुछ मामलों में प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी होना अनुवांशिक भी हो सकता है ।
  • एक से ज्यादा भ्रूण होने की स्थिति में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं जिसे कारण मॉर्निंग सिकनेस की समस्या उत्पन्न होती है।
  • गैस ,हाई ब्लड प्रेशर या माइग्रेन जैसी समस्याएं होने पर भी गर्भवती महिला को उल्टी की समस्या होती  है।
  • पेट में पाए जाने वाले एक प्रकार के विषैले जीवाणु हेलीकोबेक्टर पाइलोरी के कारण भी उल्टी की समस्या उत्पन्न होती है ।

सामान्यतः प्रेगनेंसी के समय में उल्टी की समस्या होती है परंतु कुछ कुछ महिलाओं में यह समस्या पूरी प्रेगनेंसी के दौरान रहती हैं । सामान्यतः हल्की फुल्की उल्टी होना कोई गंभीर समस्या नहीं है परंतु यदि उल्टी लगातार बनी रहती है और महिला कुछ भी खाने या पीने में असमर्थ है तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है ।

प्रेगनेंसी के दौरान छोटी-छोटी समस्याओं के लिए दवाई लेना नुकसानदायक होता है अतः घरेलू नुस्खा के माध्यम से भी उल्टी की समस्या का समाधान किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में उल्टी का इलाज-Pregnancy Me Ulti Ka Ilaj In Hindi

  • प्रेगनेंसी में होने वाली मतली, उल्टी और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए अदरक एक रामबाण दवा है। गर्भवती को जब भी उल्टी या मतली जैसा महसूस हो उसे तुरंत अदरक का एक टुकड़ा चबा लेना चाहिए या  अदरक की चाय अथवा अदरक का पानी पी लेना चाहिए इससे उल्टी की समस्या से तुरंत आराम मिल जाता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान अदरक का प्रयोग नुकसानदायक नहीं है परंतु फिर भी अत्यधिक मात्रा में इसकी सेवन से बचना चाहिए।
  • उल्टी जैसा महसूस होने पर पिपरमेंट तेल की कुछ बूंदें रुमाल या हाथ पर लेकर सूंघने से भी उल्टी की समस्या दूर होती है ।
  • नींबू की खुशबू से ही मतली कुछ हद तक ठीक हो जाती हैं। मतली या उल्टी होने पर एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस और एक चुटकी काला नमक डालकर पीने से उल्टी से राहत मिलती है ।
  • आधा चम्मच सौंफ का पाउडर ,थोड़ा दालचीनी पाउडर और जीरे के अर्क को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से उल्टी की समस्या से राहत मिलती है ।
  • उल्टी जैसा लगने पर इलायची का प्रयोग भी किया जा सकता है ,जब भी उल्टी जैसा महसूस हो तो एक इलायची चबाने से उल्टी रुक जाती है ।
  • गर्भावस्था के दौरान उल्टी होने की स्थिति में आंवले का मुरब्बा खाना फायदेमंद होता है ।
  • गर्भवती महिला को लगातार उल्टी होने की स्थिति में सूखे धनिए या हरी धनिए को पीसकर उसमें थोड़ा काला नमक मिलाकर समय-समय पर गर्भवती को देने से उल्टी की समस्या में राहत मिलती है ।
  • तुलसी के पत्तों के रस में थोड़ा शहद मिलाकर चाटने से भी फायदा होता है ।

ध्यान रखें

इन सभी घरेलू नुस्खों के अलावा कुछ सावधानियां अपना कर भी उल्टी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है जैसे –

  • हमेशा खुद को हाइड्रेट रखना चाहिए इसके लिए दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए और खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। पानी हमेशा खाना खाने के 1 घंटे बाद ही पीना चाहिए गैस नहीं होगी और जी भी नहीं मिचलाएगा।
  • गर्भावस्था के दौरान खाली पेट उल्टी का कारण बनता है इसलिए हर एक-दो घंटे में कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए ।
  • तला, भुना और मसालेदार भोजन करने से बचना चाहिए हल्का और  सुपाच्य भोजन करना चाहिए ।
  • किसी भी प्रकार के तनाव से दूर रहना चाहिए। तनाव उल्टी और सिर दर्द का कारण बनता है।
  • धूम्रपान और अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए।
  • खाने के तुरंत बाद लेटना नहीं चाहिए। खाने के तुरंत बाद देखने से पाचन प्रक्रिया कमजोर हो जाती है और जी मिचलाने लगता है ।
  • सुबह उठते ही गर्भवती महिला को बिस्किट खाने चाहिए। प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होने के कारण मितली और उल्टी की समस्या नहीं होती ।
  • किसी विशेष प्रकार की गंध जैसे अगरबत्ती  अथवा परफ्यूम की खुशबू से अगर उल्टी आती है तो ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए ।

इन सब के बावजूद यदि उल्टी की समस्या बनी रहती है तो डॉक्टर से परामर्श करने में देरी नहीं करनी चाहिए ।

Leave a comment