घर मे बच्चों की गूँजती किलकारियां हर किसी को अच्छी लगती है। हर माता- पिता की ये सबसे बड़ी इच्छा होती है कि उसका बच्चा स्वस्थ जन्म ले और स्वस्थ रहे। इसके लिए वो बच्चों के खान -पान को लेकर काफी चिंतित रहते है- कि वे बच्चों को क्या खिलाये, कैसा हो उनके बच्चों का आहार जो उनके विकास के पर्याप्त हो। या, जो आहार वे अपने बच्चों को दे रहे है, वो बच्चों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वो प्रदान कर रहा है या नही?
माता -पिता की ऐसी चिंताए सही भी है। माता -पिता की इसी समस्याओ को ध्यान में रखते हुए मैं अपने इस लेख में एक साल के बच्चे का भोजन के बारे में चर्चा करूँगी।
एक साल के बच्चे का भोजन-bacho ko kya khilaye
- बच्चे के जन्म से 6 माह तक माँ के दूध को ही सवोत्तम आहार माना गया है। क्योंकि इस उम्र में बच्चों का पाचन तंत्र काफी नाजुक होता है, तो ऐसे में माँ का दूध ही सुपाच्य होता है। बच्चों के विकास हेतु जरूरी पोषक तत्व, जैसे – विटामिन, प्रोटीन, केल्सियम ,वसा आदि , माँ के दूध से ही मिल जाते है। अतः नई माँ को अपने खान-पान पर उचित ध्यान देना चाहिए । और काफी शांत चित्त से बच्चे को स्तनपान करवाना चाहिए।
- कभी कभी ऐसा भी होता है, माँ को पर्याप्त मात्रा में दूध नही होता। तो ऐसे में बच्चे को डॉक्टर द्वारा सुझाए गए फार्मूला दूध भी दिया जा सकता है।
- बच्चा जब 5-6 माह का होता है तो उसकी गर्दन थोड़ी स्थिर होने लगती है, वो अपनी गर्दन को खुद से घूमाने लगता है। वो आपके खाने की प्लेट को झपटने की कोशिश करने लगता है, तब आप बच्चे को डॉक्टर की सलाह से ठोस आहार शुरू कर सकते है। क्योंकि आपका बच्चा अब ठोस आहार खाने के लिए तैयार हो गया है।
- आप बच्चे को जो भी ठोस आहार दे उसे अच्छे से साफ बर्तन में स्वच्छ पानी मे पकाये। और उन्हें आराम से बैठा कर खिलाये।
- आप पहले सेरेलक, दाल का पानी (जिसमे नमक की मात्रा काफी कम हो), पका केला (अच्छे से मसल कर) , सेव को उबाल कर उसकी प्यूरी बना कर दे, मौसंबी का रस, चावल का मांड, सब्जियों को हल्का उबाल कर उनका रस, इन सब चीजो को आप बच्चे को खिलाये।
- बच्चों को इस उम्र में आयरन युक्त भोजन की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनका दिमाग काफी तेजी से ग्रोथ करता है। माँ के दूध से उन्हें आयरन की आपूर्ति नही होती है।
- बच्चे को ठोस आहार देने से पहले कुछ जरूरी चीजों की जानकारी अत्यंत ही आवश्यक है।
- बच्चे को कोई भी ठोस आहार जब देना शुरू करे तो उसे सुबह में दे। और लगातार तीन दिन तक वही आहार दे। अगर बच्चे को कोई स्वास्थ्य संबधी समस्या नही होती है तो आप उस आहार को आगे जारी रखिये। वरना उस आहार को उसी वक़्त देना बंद कर दीजिए।
- बच्चे को ठोस आहार देने की शुरुआत काफी कम मात्रा से करे। फिर धीरे धीरे उनकी मात्रा बढ़ाये।
- छह से सात माह के बच्चे को दिन में एक बार ठोस आहार जरूर खिलाये । और स्तनपान कराए।
- जो माये स्तनपान नही करवाती ,वो डॉक्टर द्वारा दिये गए फार्मूला दूध को दे सकती है।
- सात से नौ माह तक के बच्चे को दिन में दो बार ठोस आहार दे।
- इस उम्र के बच्चे को आप एक समय मूंग दाल की खिचड़ी, दलिया भी देना शुरू कर दीजिए। इसके अलावा दूध रोटी , अच्छे से मैस कर या दाल रोटी भी दे सकते है।
- नौ माह के बाद बच्चे का ठोस आहार का समय दिन में तीन बार कर दीजिए। इस समय तक बच्चे सबकुछ खाने को तैयार रहते है।
- आप अब उन्हें मीट , अंडा और फिस भी दे सकती है। लेकिन अच्छे से पककर दे।
- बच्चे को कोई भी खाना कभी भी हाथो अच्छे से मैश करके खिलायें, उन्हें मिक्सर में पीस कर नही। क्योंकि मैश खाना खिलाने से को बच्चे अच्छे से चबाना सीखते है।
- नौ से बारह माह की उम्र में बच्चे को तीन बार ठोस आहार और दो बार स्नैक्स देने की आदत डालें। (जिसमे उनका दूध भी शामिल है)
- बच्चे को उसके समयानुसार उन्हें आहार जरूर दे। वो थोड़ा खाए या ज्यादा, इसकी चिंता न करे।
- आप बच्चे के खाने में गाय का घी, चीज भी दे सकते है।
- बच्चे को हर बार आहार देने के बाद डकार जरूर दिलवाए। और उन्हें घर का बना ही खाना खिलाए ।
एक साल तक के बच्चों का आदर्श वजन 8kg से 12kg तक है। बच्चों का वजन कम होना भी चिंता का विषय है, क्योंकि ऐसे बच्चे जल्दी बीमार होते है। आप बच्चों को समय -समय पर चिकित्सक से जरूर चेक-अप करवाते रहे। अगर आपके बच्चे का वजन कम है तो वो कुपोषण का भी शिकार हो सकता है। आप ऊपर दिए गए टिप्स का अनुकरण करके अपने बच्चे के लिए सही आहार-सारणी तैयार करे। जो आपके बच्चों के वजन बढ़ाने में और उन्हें पर्याप्त पोषण तत्व की पूर्ति करने में मदद करेगा।
– पम्मी राजन
कोलकाता