एक बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसूता महिला का शरीर कमजोर हो जाता है साथ ही उसे अपने बच्चे का भी ख्याल रखना होता है, इसलिए 9 महीनों की उतार-चढ़ाव वाली गर्भावस्था के बाद का यह सफर नई बनी मां के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। क्योंकि माँ के दूध से ही बच्चे को पोषण मिलता है, इसलिए यह बहुत जरूरी है की माँ अपने आहार में ऐसी चीजों को शामिल करे जो उसके और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद हो। प्रसव के बाद हर नई माँ को गोंद के लड्डुओं का सेवन करना चाहिए। लगभग सभी प्रसूता महिलाएं इन लड्डुओं का सेवन करती हैं।
गोंद के लड्डू के सेवन से ऐसे कौन से पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो प्रसव के बाद महिलाओं को जल्दी ठीक होने तथा उनको ताकत देने में मदद करते हैं..
- गोंद के लड्डू के पौष्टिक गुण
- गोंद के लड्डू बनाने का तरीका
- गर्भावस्था के बाद गोंद के लड्डू का सेवन करने के फायदे
- गोंद के लड्डू के पौष्टिक गुण
गोंद के लड्डूओं का सेवन करने की सलाह देने का सबसे पहला कारण यह है कि इसमें आपको पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिलते है। इन लड्डुओं की तासीर गर्म होती है और ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, इसलिए ठंड के दिनों में इसका सेवन करने की ज्यादा सलाह दी जाती है।
गोंद के लड्डू से मिलने वाले पोषक तत्व एवं मात्रा
- पोषक तत्व – मात्रा
- आयरन – 17%
- विटामिन सी – 0.9%
- कैल्शियम – 15%
- कोलेस्ट्रॉल – 35 मिग्रा
- प्रोटीन – 5 ग्राम
- शर्करा – 75 ग्राम
- फाइबर – 5 ग्राम
- संतृप्त वसा – 20 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट – 100 ग्राम
- संयुक्त वसा – 34 ग्राम
- सोडियम – 65 मिग्रा
- कैलोरी – 755
गोंद के लड्डू बनाने की सामग्री एवं मात्रा
प्रसव के बाद महिलाओं को गोंद के लड्डू का निश्चित रूप से कम से कम छह महीने तक प्रतिदिन सेवन करना चाहिए। आइए अब आपको लड्डू के लिए सामग्री एवं उसके बनाने की विधि बताते हैं ।
- गोंद – 125 ग्राम
- बादाम – 125 ग्राम
- घी – 500 ग्राम
- कद्दूकस किया हुआ गुड़- 500 ग्राम
- कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल- 500 ग्राम
- पिसा हुआ खजूर – 500 ग्राम
- कुटा हुआ जायफल – 1
- इलायची – 50 ग्राम
- सौंफ – 50 ग्राम
- हलीम (आलिव) के बीज- 50 ग्राम
- खसखस – 50 ग्राम
- पिसा हुआ छुहारा – 200 ग्राम
गोंद के लड्डू बनाने की विधि
कद्दूकस किए हुए नारियल, इलायची, बादाम, खसखस, खजूर, छुआरा ,सौंफ, आलिव बीज, जायफल डालकर हल्का भूरा होने तक भून लें फिर सारी सामग्री को ठंडा होने दे। ठंडी करी हुई सभी सामग्री को मिक्सर ब्लेंडर में डालकर दरदरा होने तक पीस लें और अगर आप इसे दरदरा खाना नहीं पसंद करते तो इसे तब तक अच्छे से पीसें जब यह बारीक चूर्ण जैसा नहीं बन जाता ।
अब एक बड़ा बर्तन लें। इसमें थोड़ा सा शुद्ध देसी घी डालें और इसे गर्म करें। घी गर्म होने पर, इसमें कई बार में थोड़ा थोड़ा करके गोंद डालें और इसे कुछ सेकेंड के लिए पकने दें। एक बार जब गोंद फूल जाए, तो इसे एक अलग कटोरे में निकालें। बाकी बचे हुए गोंद को भी ऐसे ही भून ले , इस बात का ख्याल रखें कि एक साथ सारा गोंद न मिलाएं, क्योंकि इससे यह ठीक से नहीं पकता है।
जब सारा गोंद ठीक से पक जाए, तो एक बड़ी सी कढाई में थोड़ा और देशी घी डालें, इसे गर्म होने दें और अब इसमें गुड़ डाल कर पकाएं। गुड़ को कलछी से चलाते हुए पूरी तरह से पिघलने दें। एक बार जब बुलबुले निकलने शुरू हो जाएं, तो गैस बंद कर दें।
अब इस पिघले गुड़ को गोंद वाले कटोरे में डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अब पीसी हुई सामग्री को भी इसमें मिला कर
इस पूरे मिश्रण को अच्छी तरह से मिला ले। अब अपने हाथ में थोड़ा सा देशी घी ले और इसे अपनी पूरी हथेली पर लगाएं । अब इस मिश्रण की छोटी-छोटी लोई लेकर उसे अपनी हथेलियों में लड्डू बनाने के लिए गोल-गोल घुमाएं।इस तरह से आप सारी लोइयों के लड्डू बना कर इन लड्डुओं को एक एयरटाइट डिब्बे में रखकर स्टोर कर ले।
गर्भावस्था के बाद गोंद के लड्डू का सेवन करने के महत्वपूर्ण फायदे
शरीर को ऊर्जा
प्रसूता महिलाओं का शरीर प्रसव के दौरान बहुत पीड़ा से गुज़र कर कमजोर हो जाता है। बच्चे के जन्म के बाद नई मां को ऊर्जा की सख्त जरूरत होती है साथ ही अब उसे अपने बच्चे की देखभाल भी करनी है और इसके लिए आप में पर्याप्त शक्ति होना बहुत जरूरी है । प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर गाेंद के लड्डूओं में कई पोषक तत्व होते हैं जो प्रसूता को बहुत शक्ति प्रदान करता है
यदि बच्चे का जन्म सर्दियों के दिनों में हुआ है, तो शरीर में गर्माहट बनाएं रखने के लिए और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए आपको ज्यादा ऊर्जा लगती है। इसलिए गोंद के लड्डू खाने से उस अतिरिक्त कैलोरी मिलती है जो एक माँ को चाहिए होती है । दिल की धड़कनों का ठीक से चलना जरूरी होता है, क्योंकि ये शरीर के विभिन्न अंगों में बेहतर तरीके से रक्त संचालन में मदद करती हैं । गोंद के लड्डू के सेवन से सुचारू रूप से रक्त संचालन में मदद करते हैं।
प्रोटीन
बच्चे के जन्म के बाद एक महिला में प्रोटीन की आवश्यकता भी बढ़ जाती है, क्योंकि उसे स्तनपान कराना होता है। गोंद के लड्डू में अच्छी मात्रा में प्रोटीन मौजूद होने के कारण नई मां की प्रोटीन संबंधित जरूरत भी पूरी होती है ।गर्भावस्था के नौ माह के सफर में पीड़ादायक प्रसव से गुजरने के बाद नई माँ के शरीर की खोई शक्ति को दोबारा ऊर्जावान करने के लिए गोंद के लड्डू का सेवन बहुत फायदेमंद होता है । इसके अंदर पाया जाने वाला एडॉप्टोजेनिक गुण डिलीवरी के बाद महिला को स्वस्थ होने में मदद कर सकता है।
साथ ही मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।प्रसव के बाद नई बनी माँ की इम्युनिटी बहुत कम हो जाती है, जिससे वह बीमार भी पड़ सकती है, खांसी, सर्दी, दस्त आदि बीमारियों से अक्सर नई मां ग्रस्त हो जाती हैं। क्योंकि गोंद के लड्डू इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं इसलिए ऐसी समस्याओं से बचाने और उबारने में काफी हद तक प्रभावी रहते हैं।
मासिक धर्म के दर्द से बचाए
बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद जब मासिक धर्म चक्र फिर से शुरू होता है, तो शुरुआत के दिनों में रक्त का प्रवाह ज्यादा हो सकता है, साथ में पेट दर्द और तेज ऐंठन होती भी होती है तब ऐसी परेशानियों को झेलने के साथ-साथ छोटे बच्चे की देखभाल करना काफी मुश्किल हो जाता है। गोंद के लड्डू मासिक रक्त प्रवाह को संतुलित में मदद करते हैं।
स्किन बनाए चमकदार
यदि प्रसव के बाद आपकी त्वचा अपनी चमक और कोमलता खो चुकी है, तो लड्डू में मौजूद पोषक तत्व त्वचा को उसकी नमी बरकरार रखने में मदद करते हैं और आपकी चेहरे की चमक पुनः वापस आ जाती हैं।
यूरिन संक्रमण से बचाए
बच्चे को जन्म देने के बाद कुछ महिलाएं यूरियन संक्रमण से भी पीड़ित हो जाती हैं । यूरिन की असंयमता के इलाज के लिए गोंद का सेवन आयुर्वैदिक विज्ञान में बहुत प्रभावी माना गया है।
कब्ज की दिक्कत से दिलाए छुटकारा
कब्ज एक ऐसी समस्या है जो न सिर्फ गर्भवती महिलाओं को बल्कि प्रसूता को भी परेशान करता है। ऐसे में अगर आपको कब्ज की दिक्कत है तो गोंद के लड्डू खाएं। इससे पेट अच्छी तरह से साफ हो जाता है। इसमें रेचक गुण होते हैं।
सीमित मात्रा में ही खाएं लड्डू
प्रसव के बाद गोंद के लड्डू खाना बहुत फायदेमंद होता है,यदि प्रसूता जल्दी ही अपने शरीर की ताकत दोबारा प्राप्त करना चाहती हैं तो इसका सेवन जरूर करें । किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए आप लड्डू का सेवन करने के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि लड्डू का सेवन सीमित मात्रा में ही करें, क्योंकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है ।
क्योंकि, गोंद के लड्डूओं की तासीर गरम होती है, इसलिए इसे अधिक मात्रा में सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इससे शरीर में गर्मी बढ़ सकती है और एसिडिटी भी हो सकती है, जिससे मां और शिशु दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।गर्भावस्था में छोटी-सी लापरवाही भी मां और शिशु के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
इसलिए, चाहे शारीरिक गतिविधि हो या फिर खान-पान, हर चीज पर ध्यान देना जरूरी है। यही बात गोंद के लड्डू पर भी लागू होती है। गोंद से बने लड्डू की तासीर गर्म होती है। संभव है कि यह किसी को सूट करे और किसी को न करे, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान हर महिला को अलग-अलग शारीरिक समस्याएं होती हैं। इसलिए, गोंद के लड्डू का सेवन करना है या नहीं यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है।
– मोनिका खन्ना