गर्भावस्था अपने आप में एक बेहद सुखद एहसास है। गर्भवती होकर एक महिला खुद को पूर्ण महसूस करती है। गर्भावस्था जहां एक और ढेर सारी खुशियां लेकर आती है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है। हर महिला में गर्भावस्था के दौरान अलग-अलग समस्याएं देखने को मिलती हैं जैसे चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होना, उल्टी आना आदि। इन सभी समस्याओं में सबसे आम समस्या है चक्कर आना। आमतौर पर चक्कर आना बढ़े हुए ब्लड प्रेशर अथवा कमजोरी का लक्षण माना जाता है परंतु गर्भवती महिलाओं में चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान सामान्य खड़े होने पर या लेटने पर भी चक्कर जाते हैं और गर्भवती महिलाएं इस बात को लेकर अक्सर तनाव चिंता में आ जाती हैं।
अगर ऐसा है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना आम बात है और यह आम तौर पर पहले 3 महीनों में ज्यादा होता है परंतु कुछ महिलाओं में यह समस्या गर्भावस्था के पूरे 9 महीनों तक रहती है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में होने वाले बदलावों और ब्लड प्रेशर के बार-बार बदलने के कारण ही चक्कर आते हैं गर्भावस्था के पांचवें महीने में भी यदि चक्कर आने की समस्या है तो इसकी वजह हाइपरटेंशन भी हो सकती है ।
गर्भावस्था के दौरान शरीर के कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में कई तरीके के परिवर्तन होते हैं जिससे खून की नलिकाएं चौड़ी हो जाती हैं ताकि भ्रूण तक पर्याप्त मात्रा में खून और पोषक तत्व पहुंच सके साथ ही हृदय गति भी बढ़ जाती है इन सभी कारणों के कारण नसों में खून की गति धीमी हो जाती है और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है इसी वजह से चक्कर महसूस होने लगते हैं।
आइए जानते हैं की गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने के प्रमुख कारण क्या क्या है-
चक्कर आने के कारण-Chakkar Aane Ke Karan
निम्न रक्तचाप
गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने का प्रमुख कारण निम्न रक्तचाप होता है। गर्भावस्था में निम्न रक्तचाप की समस्या आमतौर पर शरीर में होने वाले हार्मोन बदलाव के कारण होती है जिसके कारण रक्त धमनियां फैल जाती है और अचानक उठने या बैठने से चक्कर आ जाते हैं।
रक्त की कमी यानी एनीमिया
गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने का एक प्रमुख कारण शरीर में रक्त की कमी यानी एनीमिया भी हो सकता है । भारत में अभी भी एनीमिया के कारण गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर काफी ज्यादा है क्योंकि हमारे यहां महिलाएं शुरू से ही अपने खान-पान को लेकर संजीदा नहीं होती हैं इस कारण गर्भावस्था में एनीमिया की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
शुगर की मात्रा
कभी-कभी गर्भवती महिला में शुगर की मात्रा कम हो जाती है जिसके कारण भी चक्कर आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसलिए गर्भवती महिला को समय-समय पर शुगर की जांच भी कराते रहना चाहिए।
पानी की कमी
शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन के कारण भी चक्कर आ जाते हैं इस अतः गर्भवती महिला को समय-समय पर पेय पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए जिसके कारण शरीर में पानी की कमी नहीं होती।
गर्भावस्था के 3 महीने में पीठ के बल लेटने से भी गर्भाशय का बढ़ता हुआ आकार रक्त वाहिकाओं के ऊपर दबाव डालता है और जिसके कारण चक्कर आने की समस्या होती है।
आहार
आहार का नहीं लेना का आहर लेना एवं धूम्रपान अथवा मद्यपान करने के कारण भी चक्कर आने की समस्या होती है।
तनाव
अधिक तनाव लेने से भी चक्कर आने की समस्या उत्पन्न होती है।
आप जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान चक्कर आने की स्थिति में क्या करना चाहिए ?
चक्कर आने पर घरेलू उपचार-Chakkar Aana During Pregnancy
प्रेगनेंसी में चक्कर आने की समस्या को दूर करने के क्या उपाय हो सकते हैं आइए जानते हैं-
आरामदायक और ढीले कपड़े
गर्भवती महिला को हमेशा आरामदायक और ढीले कपड़े पहनने चाहिए ताकि रक्त संचार आराम से हो सके।
पानी का सेवन
शरीर में पानी की कमी होने से बचने के लिए समय-समय पर पानी और अन्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए कोल्ड ड्रिंक के प्रयोग से बचना चाहिए।
हरी सब्जियों और फलों का सेवन
महिला को हरी सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए ।
सोने का तरीका
दूसरी और तीसरी तिमाही में हमें से बचना चाहिए हो सके तो बाई करवट लेकर सोना चाहिए।
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तनाव
जितना हो सके खुश रहने का प्रयास करना चाहिए और तनाव लेने से बचना चाहिए।
नशा अथवा धूम्रपान करने से बचना
किसी भी तरीके का नशा अथवा धूम्रपान करने से बचना चाहिए यह सभी चीजें भ्रूण के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं तथा चक्कर का आने का महत्वपूर्ण कारण हैं।
शुगर की मात्रा
शरीर में शुगर की मात्रा पर नियंत्रण रखना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए।
ध्यान रखे
- यदि किसी गर्भवती महिला को अचानक चक्कर महसूस हो तो उसे तुरंत नीचे बैठ जाना चाहिए और सिर को झुका कर आंखें बंद कर लेनी चाहिए इससे गिरने का भय नहीं रहता और जब थोड़ा आराम महसूस हो तभी उठना चाहिए।
- यदि किसी महिला को घुटन के कारण चक्कर महसूस होता है तो उसे कमरे की खिड़कियां खोल देनी चाहिए और आरामदायक स्थिति में आ जाना चाहिए यदि। टाइट कपड़े पहन रखे हैं तो उन्हें भी ढीला कर देना चाहिए।
- रक्त में शर्करा की मात्रा कम होने की वजह से चक्कर आए हैं तो तुरंत मीठे खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए परंतु साथ ही साथ डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए।
- गर्भवती महिला को भीड़ वाली जगह पर जाने से भी चक्कर महसूस हो सकता है ऐसी अवस्था में भीड़ को हटाकर महिला को खुली जगह पर ले जाना चाहिए ताकि उसे आराम महसूस हो सके।
इन सबके अलावा यदि महिला को चक्कर आने की समस्या लगातार बनी रहती है तो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस प्रकार छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर गर्भावस्था में होने वाली गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं।