मोटापा यानी ओबेसिटी आजकल लोगों के लिए एक बहुत ही आम और गंभीर समस्या बन चुका है। मोटापा अपने आप में कई सारी बीमारियों को निमंत्रण देता है ।महिलाओं में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण है गर्भावस्था । गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ जाता है जिसे प्रसव के पश्चात भी घटाना मुश्किल हो जाता है ।
प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ने के कारण
प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जो गर्भावस्था के दौरान ही असर दिखाना शुरू कर देते हैं आइए जानते हैं वे कौन से कारण है-
खान पान
गर्भावस्था के बाद वजन बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण है गर्भवती महिला का खान पान। प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अधिक मात्रा घी ,सूखे मेवे जैसी चीजें दी जाती है जो वजन बढ़ने का कारण होती है ।
हार्मोनल परिवर्तन
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई सारे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिसके कारण उसका वजन तेजी से बढ़ता है ।
शारीरिक गतिविथियाँ न करना
प्रसव के पश्चात यदि महिला शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है तो वजन बढ़ जाता है। महिलाएं डिलीवरी के बाद हर वक्त आराम करती हैं और किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि जैसे टहलना अथवा छोटे-छोटे काम करना बंद कर देती हैं जिसके कारण वजन बढ़ने लगता है।
ठीक से स्तनपान नहीं कराना
प्रसव के बाद यदि महिला बच्चे को ठीक से स्तनपान नहीं करा पा रही है तब भी वजन बढ़ जाता है वजन को नियंत्रित रखने के लिए स्तनपान कराना आवश्यक है।
5. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में थायराइड की समस्या अक्सर देखी गई है । गर्भावस्था के दौरान थायराइड असंतुलित होने के कारण भी कई महिलाओं में वजन बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
व्यायाम न करना
अधिकांश महिलाएं डिलीवरी के पश्चात शिशु की देखभाल व्यस्त होने के कारण खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं इस कारण ना तो वह व्यायाम करती हैं और ना ही खानपान पर ध्यान दे पाती हैं जिसके कारण उनका वजन बढ़ जाता है।
तनाव
कुछ महिलाएं डिलीवरी के पश्चात तनाव में आ जाती है और तनाव के कारण उनका वजन बढ़ जाता है इस तनाव को पोस्टपार्टम डिप्रैशन कहा जाता है ।
गर्भावस्था के बाद वजन कम करने के उपाय-pregnancy ke baad pet kam karne ke upay
गर्भावस्था के बाद निम्न उपायों को अपनाकर वजन कम किया जा सकता है –
कम मात्रा में कैलोरी का सेवन
गर्भावस्था के बाद महिला को भोजन में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिस में कैलोरी की मात्रा कम हो। इसके लिए भोजन में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर देनी चाहिए। फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स , कैल्शियम और प्रोटीन युक्त चीजें जैसे दालें राजमा ,चिकन, अंडा, बींस और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए ।
दिन में थोड़ा-थोड़ा करके भोजन करना
पूरे दिन में तीन बार एक साथ खाना खाने की बजाय दिन में 6 बार थोड़ा-थोड़ा करके खाना चाहिए इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है और वजन भी नहीं बढ़ता ।
पेट की बेल्ट
पेट पर बढ़ता हुआ मोटापा कम करने के लिए पेट पर बांधी जाने वाले बेल्ट काफी कारगर साबित होती है डॉक्टर भी इसे अपनाने की सलाह देते हैं ।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर के टॉक्सिन दूर होते हैं और वजन कम करने में आसानी होती है इसके लिए पूरे दिन में कम से कम 10 गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए ।
नियमित रूप से व्यायाम
प्रसव के पश्चात नियमित रूप से व्यायाम करने से मोटापा कम करने में मदद मिलती है। यदि प्रसव के दौरान किसी प्रकार की समस्या से ग्रसित हैं अथवा सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो डॉक्टर से सलाह लेकर एक्सपर्ट की निगरानी में ही व्यायाम करना चाहिए।
तनाव से दूरी बनाएं
तनाव अक्सर मोटापा बढ़ने का कारण होता है तनाव के कारण वजन तेजी से बढ़ता है इसलिए पूरा प्रयास करना चाहिए कि खुश रहा जाए जिससे तनाव ना हो ।
समय पर भोजन करना
डिलीवरी के पश्चात अधिकांशतः शिशु की देखभाल के कारण महिलाओं का भोजन का समय अनिश्चित हो जाता है जिसके कारण किया गया भोजन ठीक से पच नहीं पाता और वजन बढ़ने लगता है । इसीलिए भोजन करने का समय निश्चित करें खासकर रात का भोजन 7:00 से 7:30 बजे तक कर ले जिससे पाचन तंत्र मजबूत होगा और वजन नहीं बढ़ेगा । यदि रात्रि में शिशु के कारण जाग रहीं हैं तब भी चाय पीने के बजाए ग्रीन टी अथवा दूध लें ।
स्नैक्स सोच समझ कर खाएं
प्रसव के बाद स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बार बार भूख लगना सामान्य है ऐसे में अधिकांश महिलाएं स्नेक्स के तौर पर कुछ भी खा लेती हैं जो वजन बढ़ने का मुख्य कारण होता है इसलिए यदि जब भी कुछ खाने का मन करे तो स्नैक्स के तौर पर हेल्थी चीज़े जैसे डाइट चिवड़ा, सूखे मेवे भुने हुए चने आदि खाएं।
पूरी नींद ले
शिशु के जन्म के बाद में अधिकांश महिलाएं पूरी नींद नहीं ले पाती हैं इसी कारण भी वजन बढ़ने लगता है ऐसी स्थिति में परिवार के अन्य सदस्यों की मदद लें और जब शिशु सो रहा हो तो नींद को पूरा करें ,8 घंटे की नींद करना अति आवश्यक है ।
मीठे में योगर्ट का प्रयोग
जब भी आपका कुछ मीठा खाने का मन करे तो सफेद चीनी से बनी मिठाईयां खाने से बचें और योगर्ट से बने डेजर्ट ही खाएं आप चाहे तो योगर्ट में फल डाल कर फ्रिज में ठंडा करके उसे खा सकतीं हैं ।
खाने से पहले पानी पी ले
खाना खाने के बाद यदि पानी का सेवन किया जाए तो वह पेट में चर्बी को बढ़ाता है इसीलिए खाने से आधा घंटा पहले पहले पानी का सेवन कर ले । भोजन के पश्चात कम से कम आधे घंटे का अंतराल देकर ही पानी पीएं ।
डांस करें
डांस जहां एक और मन को प्रसन्न चित्त रखता है वहीं दूसरी ओर वजन कम करने में भी बहुत मददगार साबित होता है। अपने पसंदीदा म्यूजिक पर डांस करके आप स्वस्थ रहने के साथ-साथ तनाव से भी मुक्त रह सकते हैं। परंतु डांस करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अति आवश्यक है यदि आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो बिना डॉक्टर की सलाह के डांस ना करें ।
पैदल चलें
पैदल चलने को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें जितना हो सके पैदल जाने जिससे वजन कम होगा ।
अल्कोहल और कैफ़ीन से दूर रहे
डिलीवरी के बाद मोटापे को कम करने के लिए आवश्यक है कि अल्कोहल और कैफ़ीन से दूर रहा जाए । चाय के स्थान पर ग्रीन टी का सेवन एक अच्छा विकल्प है ।
सोच समझकर शॉपिंग करें
बाजार में खाने के लिए कई प्रकार की स्वादिष्ट चीजों का विकल्प मौजूद रहते हैं परंतु उनमें से अधिकांश चीजें हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं इनके सेवन से वजन बढ़ता है । चॉकलेट आइसक्रीम , चिप्स तथा अन्य प्रकार की कई चीजें वजन बढ़ाती है इसलिए हो सके तो ऐसी चीज़े कुछ समय के लिए ना खरीदें ।
योग तथा व्यायाम-Pait Kam karne ke liye Yoga
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के लिए योग और व्यायाम काफी मदद करते हैं नीचे बताए गए योग और व्यायाम को करके वजन कम किया जा सकता है –
पैदल चलना अथवा टहलना
डिलीवरी के 6 सप्ताह तक किसी भी प्रकार का श्रम वाला कार्य नहीं करना चाहिए परंतु 6 सप्ताह के बाद महिला को 10 से 15 मिनट की सैर अवश्य करनी चाहिए भोजन के पश्चात थोड़ा थोड़ा टहलना अत्यधिक आवश्यक है जिससे भोजन अच्छे से पचता है और मोटापा नहीं बढ़ता । सुबह शाम थोड़ा थोड़ा टहलना वजन नियंत्रण करने में मदद करता है।
शिशु के साथ व्यायाम
प्रसव के पश्चात शिशु के साथ लेकर शारीरिक क्रियाएं करने से वजन कम करने में आसानी होती है जैसे बच्चे को गोद में लेकर चलना, उसके छोटे मोटे कार्य करना आदि ।
स्ट्रेचिंग
सर शुरू करने के कुछ समय पश्चात आप मांसपेशियों के लिए स्ट्रैचिंग और टेस्टिंग शुरू कर सकती हैं । ध्यान रखें कि सर्चिंग करते समय शरीर को जरूरत से ज्यादा ना खींचे और किसी प्रशिक्षक की निगरानी में ही रहकर व्यायाम करें ।
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और एक घुटना मोड़ लें ।
- फिर सीधे पैर की एड़ी को ऊपर ऊपर ले जाता पुनः नीचे लाएं इस दौरान पीठ को सीधा रखें ।
- इस प्रक्रिया को तीन से चार बार दोहराएं ।
सिट – अप्स
वजन कम करने खासकर पेट की चर्बी को कम करने के लिए सिट – अप्स अच्छा विकल्प है –
- इसे करने के लिए जमीन पर योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं ।
- अब अपने हाथों को गर्दन के पीछे लाएं और धीरे से सिर को ऊपर की ओर उठाएं ।
- इस प्रक्रिया को चार से पांच बार बार दोहराएं ।
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज
प्रसव के बाद वजन कम करने के लिए डॉक्टर अक्सर फ्लोर व्यायाम की सलाह देते हैं । अच्छे परिणाम के लिए प्लेविक फॉर फ्लोर एक्सरसाइज के 10 सेट बनाने चाहिए इसके अलावा कीगल एक्सरसाइज से भी बेहतर परिणाम आ सकते हैं ।
ब्रिज एक्सरसाइज
ब्रिज एक्सरसाइज भी वजन घटाने के लिए एक अच्छा विकल्प है ।
इसे करने के लिए –
- चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को जमीन से सटा लें ।
- अपने घुटनों को मोड़ लें और पीठ को ऊपर की ओर उठाएं ।
- इस दौरान अपनी पीठ पर छाती दोनों को ऊपर की ओर उठाकर रखें और हाथों को पीठ पर लगा कर रखें ।
- 10 से 15 सेकंड तक ऐसी अवस्था में रहे और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं ।
- इस प्रक्रिया को सात से आठ बार दोहराना चाहिए ।
यह व्यायाम केवल प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना चाहिए ।
तैराकी
गर्भावस्था के बाद वजन कम करने के लिए स्विमिंग यानी तरह की एक बेहतर विकल्प है। इसके लिए सप्ताह में दो बार आधे आधे घंटे के लिए तैराकी की जा सकती है परंतु इसे हमेशा प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना चाहिए ।
वजन घटाने के लिए घरेलू नुस्खे-Pet Ko Kam karne ke Gharelu Nuskhe
कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती है जिनके कारण वे वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज नहीं कर प्रदेश के लिए कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी वजन नियंत्रित किया जा सकता है –
ग्रीन टी
ग्रीन टी में कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो वजन कम करने में मदद करते हैं। रोजाना दो कप ग्रीन टी का सेवन घटाने में मदद करता है । सामान्य चाय के स्थान पर ग्रीन टी का सेवन लाभदायक होता है।
नींबू और शहद
वजन कम करने के लिए नींबू और शहद को काफी असरदार माना जाते हैं इसके लिए सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद डालकर पीने से वजन कम होता है ।
टमाटर
पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में टमाटर काफी मददगार होता है । टमाटर में प्राकृतिक रूप से शुगर पाई जाती है जिससे ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है इसी कारण महिला को मीठा खाने की इच्छा कब होती है। टमाटर में लाइकोपीन और बीटा केरोटीन होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और चयापचय की प्रक्रिया को बढ़ाता है और फैट को कम करता है।
लहसुन
लहसुन का इस्तेमाल करने से फैट कम होता है। इसके लिए रोजाना सुबह चार कलियां लहसुन का सेवन करके उसके बाद थोड़ा सा नींबू पानी पी लें ।
जो और अजवाइन का पानी
8 गिलास पानी में एक चम्मच जो और एक चम्मच अजवाइन मिलाकर उसे उबाल ले और इस पानी को रोजाना पीने से वजन कम होता है ।
सेब का सेवन
रोजाना सेब का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। सेब में पेक्टिन पाया जाता है जो पेट के अतिरिक्त फैट को कम करता है।
ऊपर बताए गए सभी नुस्खे वजन कम करने में लाभदायक होते हैं परंतु यदि किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो आवश्यक है कि किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खों का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ।
इसके अलावा कुछ सवाल हैं जो अक्सर पूछे जाते हैं जैसे –
- मैं बच्चा होने के बाद वजन कम करना कब शुरू कर सकती हूं?
प्रसव के बाद वजन कम करने से पहले महिला के शरीर का पूर्ण स्वस्थ होना जरूरी है। डिलीवरी के बाद वजन कम करने से पहले अपनी शारीरिक अवस्था को समझने की कोशिश करें। डिलीवरी के करीब छह हफ्ते बाद ही वजन कम करने की योजना बनाएं, ताकि स्तनपान से मिलने वाली जरूरी कैलोरी बच्चे को मिल सके ।
- प्रसव के बाद मोटापा कम होने में कितना समय लगता है?
प्रसव के बाद मोटापा कम होने में कुछ महीनों का समय लग सकता है। मोटापा कम करना आप पर भी निर्भर करता है कि आप किस तरह से इसे कम करने के लिए मेहनत करती हैं। आप जितना नियमित रूप से व्यायाम और खानपान का ध्यान रखेंगी, उतनी ही जल्दी मोटापा कम हो पाएगा।