आगे बढ़ने से पहले ये जानना जरूरी है कि गर्भावस्था में स्वास्थ्य के लिए एक्यूप्रेशर या किसी भी अन्य चिकित्सीय दृष्टिकोण के लिए, महिलाओं को अपने गायनिक के साथ पहले चर्चा करनी चाहिए।
एक्यूपंक्चर की तरह, एक्यूप्रेशर भी एक चीनी चिकित्सा प्रणाली है। इसका इतिहास चीन में पाँच हज़ार वर्ष पुराना है। एक्यूप्रेशर आपके शरीर की मेरिडियन प्रणाली के साथ चलने वाले पॉइंट पर शारीरिक दबाव देने की चिकित्सा प्रणाली है। ईन पॉइंट को एक्यूपॉइंट कहा जाता है। मेरिडियन का मतलब ऊर्जा (ची) प्रवाह की अदृश्य रेखा है। एक स्वस्थ व्यक्ति में, मेरिडियन के माध्यम से ऊर्जा प्रवाह सामान्य होता है, लेकिन ची प्रवाह ऑब्सट्रक्टिव होने से बीमारी होती है।
प्राचीन चीनी चिकित्सा में, पॉइंट को उत्तेजित करने से मेरिडियन साफ हो जाते हैं और ऊर्जा के प्रवाह में सुधार होता है। पश्चिमी चिकित्सा बताती है कि यह उत्तेजना एंडोर्फिन को छोड़ती है, जो प्राकृतिक दर्द निवारक है और इससे शरीर रिलैक्स और सामान्य हो जाते है। इसमें एक्यूपंक्चर की तरह नीडल का उपयोग नहीं होता है। परन्तु यह शरीर की वह तकनीक है जिसमें मैनुअल दबाव शामिल हैं। दबाव के लिए उंगलियों, हाथों या कोहनी का उपयोग किया जाता है।
[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”गर्भावस्था में एक्यूप्रेशर कैसे मदद करता है”][vc_column_text]गर्भावस्था में एक्यूप्रेशर एक सुरक्षित और दवा–मुक्त तरीका है। हार्ट बर्न, मतली, मॉर्निंग सिकनेस, पीठ दर्द वगैरह में एक्यूप्रेशर से राहत मिलती है। एक्यूप्रेशर से प्रसव और कॉन्ट्रैक्शन को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। आगे देखते है गर्भावस्था में एक्यूप्रेशर चिकित्सा किस तरह उपयोगी है।
गर्भावस्था में एक्यूप्रेशर अपने आप से या अपने साथी द्वारा किया जा सकता है। बच्चे के पिता के लिए आपको एक्यूप्रेशर देने का अवसर, आपकी गर्भावस्था में और अधिक शामिल होने का एक शानदार तरीका है। आप किसी चिकित्सक से परामर्श या कुछ प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकते है।
मतली से राहत पाने के लिए उपयोग में आने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट को P6 कहा जाता है। P6 पॉइंट आपकी कलाई से ऊपर बांह की तरफ के अंदर वाले हिस्से में स्थित होता है। जो कि figure 1 में दिखेगा। कलाई की लाइन से, अपनी बांह की तरफ तीन अंगुलियों की चौड़ाई को मापें। केंद्र में, जहां दो हड्डियों के बीच में एक खोखलापन है वहा P6 स्थित है। अपने अंगूठे का उपयोग कर पॉइंट को दबाए। थोड़ी सी असुविधा होने पार पॉइंट निश्चित है। श्वास लेते समय अपने अंगूठे से पॉइंट को मजबूती से दबाएं। और सांस छोड़ते समय दबाव छोड़ें। आप प्रत्येक कलाई पर आठ बार दबाव दोहरा सकते हैं।
[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”कैसे किया जाता है एक्यूप्रेशर से प्रसव और कॉन्ट्रैक्शन को प्रोत्साहित?”][vc_column_text]एक्यूप्रेशर का उपयोग व्यापक रूप से पूर्ण अवधि की गर्भावस्था में प्रसव को प्रेरित करने या प्रसव में सहायता के लिए भी किया जाता है। जिसको मैटरनिटी एक्यूप्रेशर भी कहा जाता है। मैटरनिटी एक्यूप्रेशर तकनीक रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकती है। इससे दर्द को खत्म कम किया जा सकता है। प्रसव दौरान इससे बच्चे को भी लाभ होता है। बच्चे का तनाव कम करने के लिए और कॉन्ट्रैक्शन के दौरान बच्चे को अतिरिक्त ऑक्सीजन प्रदान करने में इससे मदद मिलती है। यह क्षेत्र figure 2 बताया गया है।
[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”कैसे किया जाता है एक्यूप्रेशर से प्रसव और कॉन्ट्रैक्शन को प्रोत्साहित?”][vc_column_text]गर्भावस्था के दौरान आपको दो क्षेत्रों से बचना चाहिए। वे क्षेत्र सीधे गर्भाशय और अंडाशय से जुड़े होते हैं। जो कि टखनों के नीचे खोखले क्षेत्रों में दोनों टखनों के अंदर और बाहर स्थित होते हैं। यहां पर गर्भाशय और अंडाशय का सीधा चैनल है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान एड़ियों दबाना नहीं चाहिए। हालांकि, प्रसव के दौरान ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनसे आप कॉन्ट्रैक्शन को प्रोत्साहित कर सकते है। प्रसव शुरू करने में इससे मदद मिलती है। तदोपरांत आंतरिक टखने की हड्डी के ऊपर सिर्फ तीन उंगली की चौड़ाई वाले क्षेत्र को भी छोड़ देना चाहिए। जिसे Sp6 एक्यूप्रेशर बिंदु कहा जाता है।
इस तरह एक्यूप्रेशर गर्भावस्था में सावधानी के साथ उपयोग में लेकर गर्भवती महिला की काफी शारीरिक तकलीफ में राहत पा सकते है।
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]