क्यों बनती है गर्भावस्था के दौरान पेट पर काले रंग की लाइन

गर्भावस्था के दौरान पेट पर काले रंग की लाइन inbound6714337489360475616.jpg

माँ बनना किसी भी महिला के लिए बहुत ही बड़े सुख और खुशी की बात है। कुदरत ने औरत को माँ बनने की शक्ति देकर एक बहुत बड़ा तोहफा दिया है। गर्भवती होने की इस खुशी के साथ गर्भवती स्त्री को अपने शरीर मे हो रहे कई बदलावों को भी देखना और स्वीकार करना होता है। वजन बढ़ना, स्तनों के आकार में वृद्धि, पैरों में सूजन, स्ट्रेच मार्क्स और भी कई बदलाव शरीर मे आते है । उन्ही में से एक है गर्भावस्था के दौरान पेट पर काले रंग की लाइन।

कई वर्षों से औरतें इस गहरी काली लाइन का सम्बंध भ्रूण के लिंग परीक्षण से लगा बैठती है। वैसे तो गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग परीक्षण करवाना एक कानूनी अपराध है लेकिन कई मिथ्या धारणाएं बनी हुई है जो कि हम वर्षो से सुनते चले आ रहे है कि इस काली लाइन का मतलब गर्भ में लड़के के होने से है, जो कि पूर्णतः गलत है। तो आइये आज जानते है कि गर्भावस्था के दौरान महिला के पेट से लेकर प्यूबिक एरिया तक पहुँचती इस काली लाइन से जुड़ी कुछ बातों के बारे में।

  • गर्भावस्था में पेट पर गहरी काली लाइन(लीनिया निग्रा) का मतलब।
  • गर्भावस्था में आखिर क्यूँ बनती है पेट पर ये गहरी काली लाइन?
  • गर्भावस्था में कब बनती है और कब तक रहती है पेट पर ये काली लाइन!
  • क्या इस काली लाइन का होना गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक तो नही!
  • इस लाइन को कम करने के कुछ घरेलू नुस्ख़े

लीनिया निग्रा का मतलब

कोई भी महिला जब गर्भवती होती है तो उसके पेट पर बीचोंबीच एक काले रंग की लाइन उभरना शुरू होती है जिसे लीनिया निग्रा कहा जाता है। ये लीनिया निग्रा पेट के बीच मे नाभि के नीचे से होती हुई जघन क्षेत्र अर्थात प्यूबिक एरिया को स्पर्श करती हुई होती है । किसी किसी गर्भवती महिला में ये लीनिया निग्रा नाभि के ऊपर भी बनती है जो कि छाती तक भी पहुँचती है। लीनिया निग्रा के साथ इसे नाभि लाइन भी कहा जाता है जो अक्सर हर गर्भवती महिला के शरीर पर उभरती है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे के शारिरिक विकास के चलते पेट पर खिचांव होने से जो पहला बदलाव महिलाएं अपने शरीर मे देखती है ये लीनिया निग्रा उसी की निशानी है। वैसे तो ये लाइन हर औरत के शरीर पर पहले से ही मौजूद होती है। सामान्य तौर पर ये रेखा सफेद या हल्के पीले रंग की होती है लेकिन गर्भ धारण करने के बाद ये शारिरिक व हॉर्मोनल बदलाव के चलते ये रेखा गहरा रंग ले लेती है।

लीनिया निग्रा अर्थात गर्भावस्था के दौरान पेट पर काले रंग की लाइन बनने की वजह…

जैसा कि अब तक आपको ज्ञात हो गया होगा कि लीनिया निग्रा पहले से ही हर औरत के शरीर पर पेट से लेकर नीचे तक मौजूद होती है लेकिन तब तक ये बहुत हल्की होती है और न के बराबर दिखाई देती है और तब तक इसे लीनिया अल्बा कहा जाता है। गर्भवती होने के प्राम्भिक तिमाही में ये रेखा धीरे धीरे अपना रंग गहरा करने लगती है जिसकी साफ साफ वजह होती है गर्भवती महिला के शरीर मे होने वाले हॉर्मोनल बदलाव। दूसरी तिमाही तक पहुंचते ही गर्भवती महिला के शरीर मे एस्ट्रोजन नाम के हॉर्मोन का स्तर ऊपर चला जाता है जिस वजह से शरीर मे मेलेनिन अधिक स्त्रावित होने लगता है। मेलेनिन की अधिक मात्रा में स्त्रावित होने की वजह से शरीर मे कालापन बढ़ने लगता है और ये लीनिया निग्रा अधिक गहरी दिखाई देने लगती है। अब तक इसका रंग काला या गहरा भूरा होने लगता है। गर्भवती महिला के पेट पर बनने वाली ये रेखा की चौड़ाई लगभग आधे सेंटीमीटर से एक सेंटीमीटर तक होती है और किसी किसी महिला के शरीर पर ये एकदम सीधी तो किसी महिला के शरीर पर ये नाभि के नीचे से थोड़ी टेढ़ी दिखाई देने लगती है।

गर्भावस्था में कब बनती है, और कब तक रहती है पेट पर काली लाइन।

ज्यादातर महिलाओं में लीनिया निग्रा गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में बनना शुरू हो जाती है और नजर भी आने लगती है। शुरू में ये लाइन एक पतली और सीधी रेखा के रूप में होती है पर धीरे धीरे ये लाइन आधे से एक सेंटीमीटर तक चौड़ी हो जाती है और डिलीवरी तक भी पेट पर बनी रहती है। डिलीवरी के बाद कुछ समय तक ये लाइन हल्की होना शुरू हो जाती है और त्वचा फिर से सामान्य दिखने लगती है। इसलिए महिलाओं को लीनिया निग्रा के बारे में अधिक चिंतित होने की जरूरत नही।

क्या इस काली लाइन अर्थात लीनिया निग्रा का होना बच्चे के लिए हानिकारक है?

कई गर्भवती महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हो जाती है कि उनके पेट पर बन रही ये काली लाइन कहीं उनके पेट मे पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक तो नही ! लेकिन चिंता करने की कोई बात नही होती। ये लीनिया निग्रा केवल शरीर की बाहरी सतह पर बनती है। इसकी परत त्वचा पर ही रहती है और ये केवल बाहरी कोशिकाओं तक ही सीमित होती है । इसका गर्भ में पल रहे बच्चे पर कोई प्रभाव नही पड़ता। लीनिया निग्रा बच्चे के लिए पूर्णतः हानिरहित है।

इस काली लाइन को कम करने के कुछ नुस्खे या उपाय

कई महिलाएं अपने पेट पर दिख रही इस लाइन को हटाने के लिए ढेरों कॉस्मेटिक चीजें खरीदती है। कई महिलाएं तो डॉक्टर के पास जाने से भी नही चूकती लेकिन इस लाइन को कुछ घरेलू चीजो के इस्तेमाल से भी साफ किया जा सकता है। वैसे तो ये रेखा डिलीवरी एक बाद कुछ महीनों में अपने आप साफ हो जाती है पर अगर न हो , तो आप निम्न उपाय कर सकती है

नींबू का रस

हमारी त्वचा पर पड़ रहे हाइपरपिगमेंटेशन को फीका करने में नींबू का रस कारगर उपाय है। नींबू के टुकड़े कीजिये और रस निचोड़ कर रुई के फाहे से काली रेखा या निशान पर लगाना शुरू कीजिए। पाँच मिनट बाद गुनगुने पानी से इसे साफ कर ले। कुछ दिनों के बाद आप असर देखने व महसूस करने लगेंगी।

नारियल का तेल

नारियल का तेल हमारी त्वचा के लिए एक दोस्त की तरह है। आप इसके निरन्तर इस्तेमाल से त्वचा पर दिख रहे कई दाग धब्बों और निशानों से छुटकारा पा सकती है।

एलोवेरा जेल

डिलीवरी के बाद रोज नियमानुसार यदि पेट पर एलोवेरा जेल लगाया जाए तो पेट पर बनी काली लाइन के साथ साथ स्ट्रेच मार्क्स में भी धीरे धीरे फर्क पड़ने लगता है। एलोवेरा जेल पूर्णतः स्किन फ्रेंडली होता है और इसे आप अपने घर पर भी उगा सकती है।

ऊपर दी गई जानकारी से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पेट पर बन रही लिनिया निग्रा के विषय मे काफी बातें जानने को मिल सकती है। तो अब किसी भी निशान या दाग धब्बों की चिंता छोड़िए और अपने गर्भावस्था को भरपूर जीये।

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