गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जब अधिकांश महिलाओं में भोजन को लेकर अरुचि पैदा हो जाती है ,जी घबराने लगता है और महिलाओं को खट्टा खाने का मन करता है । गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में खट्टी चीजें खाने का ज्यादा मन करता है । महिलाओं को इमली, कच्चा आम, आंवले का रस आदि चीजें ज्यादा भाने लगती हैं ।
विटामिन सी से भरपूर आंवला एक बहुत ही गुणकारी फल है । आंवले में विटामिन सी के अलावा और भी कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं ।कई प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों में भी आंवले का प्रयोग किया जाता है । आंखों के लिए आंवले का रस अमृत समान है । यह आंखों की रोशनी बढ़ाता है ।
शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर भी आंवला सबसे बेहतर है । वैसे तो आंवले का प्रयोग शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी है परंतु आइए जानते हैं कि –
क्या गर्भवती महिलाओं को आंवले के रस का प्रयोग करना चाहिए ?
आयुर्वेद के अनुसार गर्भवती स्त्रियों को अपने आहार में आंवले के रस को सम्मिलित करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है जिससे उन्हें कई तरह के संक्रमण और बीमारियां होने की संभावना अधिक हो जाती है ऐसे में आंवले का रस पीने से आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है ।
आंवले के रस के फायदे-Amla Juice During Pregnancy
यह सुनिश्चित हो गया कि गर्भावस्था के दौरान आंवले के रस का प्रयोग किया जा सकता है आइए जानते हैं आंवले के रस का प्रयोग करने से क्या-क्या लाभ होते हैं –
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
आंवले के रस में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसी जो गर्भवती महिला को फ्लू और पेशाब के संक्रमण से बचाता है साथ ही गर्भवती महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय और बेहतर बनाता है।
खून की कमी में लाभदायक
अधिकांश महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन और विटामिन सी की कमी हो जाती है साथ ही हीमोग्लोबिन का स्तर भी कम हो जाता है । शरीर में आयरन ,विटामिन सी और हिमोग्लोबिन के स्तर को बराबर करने के लिए आंवले का रस बहुत ही लाभदायक होता है यह हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है ।
सूजन में राहत
गर्भावस्था के दौरान आखरी के तीन महीनों में कुछ महिलाओं के हाथों और पैरों में सूजन आ जाती है ऐसी स्थिति में आंवले के रस का सेवन करने से काफी हद तक राहत मिलती है।
कब्ज में लाभदायक
आंवले के रस में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है जिस कारण कब्ज की समस्या होने पर आंवले के रस के सेवन से गर्भवती को लाभ होता है तथा अपच की समस्या नहीं होती ।
कैल्शियम की कमी को पूरा करता है
गर्भावस्था के दौरान शिशु के हड्डियों और दांतो के निर्माण के लिए भरपूर मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता होती है आंवले के रस के सेवन से गर्भवती के शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होती।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है
आंवले के रस में विटामिन सी की मात्रा होती है जिससे रक्त वाहिकाओं को पतला करने में मदद मिलती है और जिसके कारण गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है ।
मॉर्निंग सिकनेस में लाभदायक
आंवले का रस पीने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम हो जाती है और शरीर में फुर्ती आती है साथ ही इस का खट्टा मीठा स्वाद मतली को नियंत्रित करने में भी लाभदायक है ।
विषैले तत्वों को बाहर निकालता है
आंवले में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ा देते हैं जिससे गर्भवती महिला को बार बार पेशाब आता है और इससे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं ।
दूध की मात्रा को बढ़ाता है
आंवले का रस प्रसव के बाद महिला के शरीर में दूध की मात्रा को भी बढ़ाता है ।
कितना करें सेवन
वैसे तो आंवले के रस का प्रयोग गर्भावस्था में लाभदायक है परंतु हर चीज की अधिकता नुकसानदायक होती है, आइए जानते हैं गर्भवती महिला को कितनी मात्रा में आंवले के रस का सेवन करना चाहिए ?
एक गर्भवती महिला को पूरे दिन में अधिकतम 5 से 10 मिलीलीटर आंवले के जूस का सेवन पर्याप्त रहता है । आंवले के रस का सेवन करते समय इसे पानी के साथ मिलाकर ही सेवन करना चाहिए ।
आंवले रस के नुकसान
- हालांकि आंवले का रस गुणों का भंडार है लेकिन यदि अधिक मात्रा में आंवले के रस का सेवन किया जाए तो तो कब्ज, डायरिया ,शरीर में पानी की कमी, त्वचा का रूखापन आदि समस्याएं हो सकती हैं ।
- आंवले की प्रवृत्ति ठंडी होती है इसलिए यदि गर्भवती महिला को सर्दी जुकाम की समस्या है तो उसे आंवले के रस के सेवन से बचना चाहिए साथ ही आंवले में लेक्सिटिव गुण भी होते हैं इसलिए डायरिया की समस्या होने पर आंवले के रस का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए ।
- वैसे तो आंवले का सेवन लाभदायक ही है परंतु फिर भी गर्भवती महिला को इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर परामर्श ले अवश्य लेना चाहिए ।