एक साल के बच्चे का भोजन जो बनाएगा उसे अंदर से मजबूत

एक साल के बच्चे का भोजन के बारे में बात करने से पहले, मैं थोडा पीछे चलना चाहूंगी… शिशु का सबसे पहला आहार है मां का दूध… और शुरूआत भी यहीं से करनी चाहिए.. अगर मां को कोई काम्पलीकेशनस नही हो तो, शुरूआती छ: माह बच्चे को भरपूर स्तनपान कराया जाये और उसके लिए बोतल के दूध या किसी अन्य साधन पर निर्भर ना हो, यही सुरक्षित है..!

फिर चार से छ: माह के बीच बच्चे को कुछ अन्य द्रव आहार देने के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं और जैसा कि सर्वविदित है कि सनातन धर्म में अन्नप्राशन संस्कार भी इसी उम्र में किया जाता है जिसमें उसको पहली बार चावल की पतली खीर बनाकर खिलायी जाती है, यानि अन्न खाने की शुरूआत, ठोस आहार पहले भोजन के रूप में देना, यहीं से शुरू होता है और मांओ की चिंताए भी कि क्या दें, कितना दें और कब दें..?

मांओ को ये चुनाव पौष्टिकता के आधार पर करना चाहिए, हमेशा और डाइट लिक्विड फार्म में ही रहे जब तक कि बच्चा सही से बैठने ना लगे..।

बाजार में बिकने वाले सभी उत्पाद पर भरोसा न करें, देखे परखे तब इस्तेमाल करें, और उन पर निर्भर तो बिल्कुल ही ना रहे, अपने आप से कुछ ताजा बनाये और खिलाइये, इससे आपको भी संतुष्टि होगी और बच्चे को सही पोषण प्राप्त हो सकेगा..।

अब बात करते हैं एक साल के बच्चे के आहार के बारे में, जाहिर सी बात है ,बच्चा साल भर का होते होते अच्छे से बैठने लगता है, चीज़ों को पहचानने लगता है और उसके टेस्ट बडस भी विकसित हो रहे होते हैं …इसलिए ये समय है बहुत सतर्कता का, जिसमें कईं सारे फैक्टर का ध्यान रखते हुए.. भोजन का चुनाव करना चाहिए,

कुछ महत्वपूर्ण फैक्टर हैं –

  • मौसम
  • बच्चे की सामान्य हैल्थ
  • बच्चे की पसंद
  • पौष्टिकता

सबसे पहले बच्चे की भूख को पहचाने कि उसे कब कब भूख लगती है या खुद ही उसके खाने के दो तीन वक्त निर्धारित कर दें, अपनी ओर से, थोडे दिन में उसकी उसी समय खाने की आदत हो जायेगी, खाना जो भी आपको खिलाना हो वो पहले ही ताजा बनाकर तैयार कर ले, उसे रूम तापमान पर आने दें क्योंकि ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडा खाना, दोनो ही बच्चो को नुकसान देते हैं..।

उसके बाद बच्चे को अपनी गोद में बिठाकर या उसके लिए स्पेशल चेयर खाने के लिए रखे, अच्छे से चम्मच कटोरी में परोसकर खाना खिलाने को शांत चित्त से बैठे, उसके साथ हंसते हंसते, खेलते खेलते, बात करते करते उसे खाना खिलाएं, देर लगती है तो लगे पैनिक नही हो ,बच्चा अगर बहुत मना करें तो ना खिलाएं, जबरदस्ती ना करें तो ही ठीक है..।

अब बात करते हैं कि एक साल के बच्चे का भोजन क्या क्या हो सकता है..! क्या क्या शामिल किया जा सकता है, उसके भोजन में…

  • दूध के अतिरिक्त सभी तरह के फलो के जूस, ताजा बनाये, केले की स्मूदी, पपीते की स्मूदी बना सकते हैं, टेस्ट के लिए उसमें थोडा मीठा ,बादाम का पाउडर, वगैरा भी डाल सकते हैं..!
  • सब्जियों के सूप ताजा ताजा बनाकर खिला सकते हैं.!
  • बराबर मात्रा में दाल चावल लेकर, देशी घी में जीरा और हींग का तडका लगाकर पतली खिचडी बनाकर वो खिलाएं, खिलाने से पहले उसे अच्छी तरह मिक्स कर लें.. अगर आपको वो थोडा टाइट लगती है तो दही मिला लें, साथ में और उसे खिलाएं..!
  • अगर आप घर में अपने लिए दाल चावल बना रही हैं तो दाल बिना मिर्च की पहले बच्चे के लिए अलग रख दे और थोडा सा फ्रैश मक्खन  या घी ऐड करके बच्चे को खिलाएं दाल..। चाहें तो उसमें थोडा चावल भी मिक्स कर ले… पीसकर …!
  • गेंहू का दलिया दूध में बनाकर, सूजी की खीर, ओटस दूध में बनाकर, ये भी अच्छे और हैल्दी ओप्शन हैं..!
  • आलू उबालकर, अच्छे से नमक और हल्की सी काली मिर्च डालकर दही के साथ खिला सकते हैं..!
  • कोई सूखी सब्जी आप बनाती हैं, उसको भी मिक्स करके दही के साथ खिला सकते हैं..!

कभी कभी आटे का या सूजी का पतला हलवा भी खिलाया जा सकता है..! रोटी के छोटे छोटे टुकडे करके दाल में भिगोकर भी खिला सकते हैं अच्छे से मिक्स करके..!  इडली का चूरा करके सांभर में मिलाकर खिलाएं..( नमक मिर्च मसाले ज्यादा ना हो सांभर में) ढोकला भी खिलाया जा सकता है, हल्का सा मसल कर, इसी तरह मांए अपने घर की रसोई से बहुत से ओप्शन तलाश सकती हैं,

बस खिलाते वक्त कुछेक बात का ध्यान जरूर जरूर रखना चाहिए..और वे हैं..

  • खाने के साथ पानी लेकर बैठे, क्योंकि बच्चे को किसी वजह से खाना अटक जाये तो तुरंत पिला सके…!
  • खाना थोडा थोडा ही खिलाएं, हाइजीन का विशेष ध्यान रखें..!
  • खाते वक्त बच्चे के हाव भाव का ध्यान रखे कि उसे क्या अच्छा लग रहा है और क्या नही, खिलाते वक्त जरूरत से ज्यादा जबरदस्ती ना करें..!
  • खाना खिलाते वक्त फोन, मोबाइल साथ में ना रखे, इससे बच्चे की आदत शुरू से ही खराब होगी, ये तरीका आज बहुत प्रचलन में हैं, बच्चो के हाथ में मोबाइल देकर खाना, खिलाया जाता है, इससे हाइजीन भी नही होता..!
  • बच्चे के हाथ में अक्सर चलते फिरते मांए बिस्किट दे देती हैं, उस वक्त पहले बच्चे के हाथ साफ कर दें..!
  • और इम्यूनिटी को ध्यान में रखते हुए उसके खाने में रोज विटामिन सी जरूर हो, जो आपको संतरे, मौंसबी के जूस या नींबू पानी पिलाने से भी मिल जायेगी..।

ये थी कुछ जरूरी बात बच्चे के आहार और उसे खिलाने के तरीके के बारे में..!
आशा करती हूं, इस लेख में …मैं काफी कुछ शामिल कर पायी हूं ,जिससे नयी होने वाली मांओ को काफी मदद होगी..।

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