आमतौर पर देखा जाता है कि ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन ये गोलियां आपके शरीर पर काफी लंबे समय तक प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि आखिर गर्भवती होने से कैसे बचे । हम आपको बता दें कि गर्भ रोकने के घरेलू उपाय में नैचुरल और हर्बल औषधियां बाजार में उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से अनचाही प्रेगनेंसी को रोका जा सकता है। ये घरेलू और हर्बल औषधियां निषेचन की क्रिया को रोकती हैं माहवारी को उत्तेजित करती हैं जिससे कि आप अनचाहे गर्भ की चिंता से मुक्त हो सकती हैं।
- प्रेगनेंसी से बचने के लिए सूखी अंजीर खाएं
- पपीते खाने से नियंत्रित होती है प्रेगनेंसी
- अनचाहे गर्भ से बचने के उपाय है पहाड़ी पुदीना
- प्रेगनेंसी रोकने की दवा है नीम
- अनचाहे गर्भ से बचने का तरीका है अदरक का सेवन
- गर्भधारण से बचने के लिए करे दालचीनी का सेवन
- अनचाहे गर्भ से बचने का उपाय है कपास के जड़
- प्रेगनेंसी से बचने के लिए सूखी खुबानी खायें
- प्रेगनेंसी रोकने के उपाय है विटामिन सी
- अनचाहे गर्भ से बचने के लिए अजमोद का सेवन
प्रेगनेंसी से बचने के लिए सूखी अंजीर खाएं
अंजीर का सेवन करने से आपके प्रेगनेंट होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। अनचाही प्रेगनेंसी से बचने का यह एक आसान घरेलू तरीका है। इंटरकोर्स के बाद 2 या 3 अंजीर प्रतिदिन दो बार खाएं। यह ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ाता है।
पपीते खाने से नियंत्रित होती है प्रेगनेंसी
यदि आपने अभी मां बनने की प्लानिंग नहीं की है और आपको प्रेगनेंट होने का डर सता रहा है तो पपीते का सेवन करने से अनचाही प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है। इंटरकोर्स के बाद 3 से 4 दिनों तक लगातार दिन में कम से कम दो बार पपीता खाएं, इससे आप गर्भवती होने की संभावना बहुत कम हो जाएंगी।
अनचाहे गर्भ से बचने के उपाय है पहाड़ी पुदीना
पहाड़ी पुदीने को जड़ी-बूटियों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पहाड़ी पुदीने की चाय गर्भधारण को रोकने का सरल उपाय है।
प्रेगनेंसी रोकने की दवा है नीम
प्रेग्नेंसी रोकने के घरेलू तरीके में नीम का सेवन भी किया जाता है। प्रेगनेंसी से बचने के लिए नीम की पत्तियों, तेल और छाल इन तीनों का उपयोग किया जा सकता है। बाजार में नीम का टैबलेट भी उपलब्ध है।
अनचाहे गर्भ से बचने का तरीका है अदरक का सेवन
प्रेगनेंसी रोकने के लिए अदरक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रगनेंसी से बचने के लिए अदरक के पानी का सेवन करना बेहतरीन उपाय है। अदरक वाला पानी बनाने के लिए कद्दूकस की हुई अदरक को पानी में अच्छी तरह उबालें। कुछ देर ठंडा होने दें और फिर छान कर इसे पी ले।
गर्भधारण से बचने के लिए करे दालचीनी का सेवन
गर्भधारण से बचने के लिए दालचीनी का सेवन भी किया जाता है। इंटरकोर्स के बाद प्रेगनेंसी से बचने के लिए ज्यादातर महिलाएं दालचीनी का प्रयोग करती हैं। लंबे समय तक दालचीनी खाने से प्रेगनेंसी की आशंका खत्म हो जाती है।
अनचाहे गर्भ से बचने का उपाय है कपास के जड़
कपास के जड़ भी प्रेगनेंसी से बचाव में मदत करती है। कपास के जड़ को उबालकर चाय के रूप में दिन में दो बार इसका सेवन करने से प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है।
प्रेगनेंसी से बचने के लिए सूखी खुबानी खायें
अनचाही प्रेगनेंसी से बचने का यह एक आसान घरेलू नुस्खा है। प्रेगनेंसी से बचने के लिए 100 ग्राम सूखी खुबानी में दो बड़े चम्मच शहद और पानी मिलाकर इस मिश्रण को आधे घंटे तक उबाले और फिर छानकर पी लें। यह प्रेगनेंसी को रोकने में मदद करता है।
प्रेगनेंसी रोकने के उपाय है विटामिन सी
शुद्ध विटामिन सी का सेवन प्रेगनेंसी को रोकने में मदत करता है। गर्भधारण से बचने के लिए इंटरकोर्स के बाद 1500 मिलीग्राम के विटामिन सी के कैप्सूल दिन में दो बार 2 से 3 दिनों तक ले।
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए अजमोद का सेवन
ज्यादातर महिलाएं प्राकृतिक रूप से गर्भावस्था को रोकने के लिए अजमोद (Parsley) का इस्तेमाल करती हैं। प्रेगनेंसी से बचने के लिए प्रतिदिन अजमोद का चाय बनाकर सेवन करने से यह बहुत फायदेमंद साबित होता है। अजमोद बहुत आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है और प्रेगनेंसी को रोकने के लिए इसका सेवन करने से कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं होता है।
प्रेगनेंसी से बचने के लिए औषधियों के इस्तेमाल से पहले की सावधानियां
प्रेगनेंसी रोकने के लिए इन घरेलू औषधियों का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- चूंकि प्रेगनेंसी रोकने में कोई भी औषधि सौ प्रतिशत कारगर नहीं होती है, इसलिए सिर्फ इन्हीं औषधियों के भरोसे न रहें।
- इन औषधियों का साइड इफेक्ट भी हो सकता है इसलिए इस्तेमाल से पहले औषधि के बारे में अच्छी तरह जानकारी हासिल कर लें और इनका अधिक मात्रा में उपयोग न करें।
- यह तरीके तब इस्तेमाल किये जाते थे जब प्रेगनेंसी को रोकने के अन्य साधन उपलब्ध नहीं थे इसलिए आप सुरक्षित सेक्स करें जिससे आप अपनी अनचाही प्रेगनेंसी से बच सकें।