गर्भनिरोधक टेबलेट कितने प्रकार की होती है? ये दो प्रकार की होती है[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”1-कम्बाइंड ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल (सी.ओ.सी.पी.)” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]इस पिल में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनो तरह के हॉर्मोन होते है। ये पिल ना केवल डिम्ब का उत्पादन रोकती है बल्कि सर्विक्स के चारो तरफ म्यूकस को गाढ़ा करके स्पर्म की एंट्री को रोक देती है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”2-प्रोजेस्टेरोन ओनली पिल या मिनी पिल” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]ये पिल केवल म्यूकस को गाढ़ा करती है, पर लगातार लेने से कई वार डिम्ब का उत्पादन भी रोक देती है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”सी.ओ.सी.पी. के फायदे” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]
- गर्भधारण से 99% बचाव करती है।
- मुहासों से मुक्ति मिल सकती है।
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के चांसेस कम होते है।
- सर्विक्स कैंसर या ओवरी स्टोन से बचाव करती है
- एनीमिया की संभावना कम करती है।
- पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिजीज से बचाती है।
- मेंस्ट्रुअल क्रम्पिंग को कम करती है।
- ब्रैस्ट और ओवेरियन सिस्ट से बचाती है।
- बोन मिनरल डेंसिटी को इम्प्रूव करती है
- पी.सी.ओ.एस में एस्ट्रोजन के हॉर्मोन स्तर को कम करती है।
- एच. आई.वी. और यौन संक्रमण रोगों से कोई सुरक्षा नही देती।
- ब्लड क्लोट्स और हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क रहता है।
- गॉल स्टोन, पीलिया, लिवर स्टोन का रिस्क रहता है।
- मितली, मोटापा, सरदर्द, डिप्रेशन, ब्रैस्ट में कोमलता।
- हार्ट अटैक या स्ट्रोक का बढ़ा हुआ रिस्क।
- यदि ब्लड वेसल्स में सूजन रही हो या ब्लड क्लोटिंग की समस्या हो।
- स्ट्रोक, हार्ट अटैक या एनजाइना अटैक हुआ हो।
- हार्ट वाल्व की कोई समस्या रही हो।
- ल्यूपस, लिवर की कोई बीमारी या लिवर कैंसर हो।
- ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की गम्भीर समस्या हो।
- उम्र 35 वर्ष से अधिक हो साथ ही धूम्रपान करती हो।
- बहुत समय से बेड रेस्ट पर हो, माइग्रेन का भयंकर दर्द हो।
- कॉम्बिनेशन पिल को आप पीरियड के पहले दिन से लेना स्टार्ट कर सकती है।
- अगर आपकी नॉर्मल डिलीवरी है तो कम से कम पिल लेने से पहले 3 हफ्ते का इंतजार करें।
- अगर आपको ब्लड क्लोट्स की दिक्कत है या ब्रेस्ट फीडिंग करा रही है तो 6 हफ्ते इंतजार करें।
- गर्भपात के फौरन बाद लेना स्टार्ट कर सकती है।
- पिल लेने का डेट और टाइम फिक्स रखे।
- ब्रैस्ट फीडिंग के समय महिला इसे ले सकती है।
- हार्ट डिजीज, माइग्रेन, ब्लड क्लोट्स जैसी समस्या में इन्हें लिया जा सकता हूं।
- हैवी पीरियड से निजात देती है।
- मेंस्ट्रुअल क्रेम्पिंग कम करती है।
- पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिजीज से बचाव करती है।
- कम्बाइनड पिल्स से कम असरदार होती है
- सरदर्द, वजन बढ़ना
- बालो की अजीबो गरीब ग्रोथ
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के ज्यादा चांसेस
- मुँहासे बढ़ना, डिप्रेशन
- ओवेरियन सिस्ट, ब्रैस्ट में कोमलता
- उल्टी आना
- पीरियड के बीच मे ब्लीडिंग होना
- एच. आई.वी. और एस. टी.डि. से कोई बचाव नही
- अगर आपका वजन बहुत ज्यादा हो
- आपको टेबलेट लेने के थोड़ी देर बाद ही उल्टी हो जाए
- आपको बहुत ज्यादा दस्त हो रहे हो।
- कुछ दवाएं भी इन टेबलेट्स का असर कम करती है जैसे एच आई वी या मिर्गी की दवा।