प्रेगनेंसी रोकने के उपाय-pregnancy rokne ke upay

[vc_row][vc_column][vc_column_text]कोई भी नवयुगल शादी होने के तुरन्त बाद बच्चा नही चाहता। शुरुआती समय पूरी तरह रोमांस से भरा होता है, ऐसे में कोई भी कपल जिम्मेदारी नही बढ़ाना चाहता। इसके अलावा भी बच्चा ना चाहने के कई कारण हो सकते है। जैसे दो बच्चों के बीच गैप रखना या फाइनेंशली कमजोर होना। ऐसे में हर जोड़ा इधर उधर प्रेग्नेंट ना होने के टिप्स ढूंढता है। आईए आपको बताते है कुछ तरीके जो आपकी मदद कर सकते है।
आप दो तरीको से प्रेग्नेंसी से बच सकते है

  • नेचुरल तरीक़े
  • आर्टिफिशियल तरीके
[/vc_column_text][vc_custom_heading text=” नेचुरल तरीके / प्रेग्नेंसी रोकने के घरेलू तरीके” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%234082c6″][vc_custom_heading text=”1-पोजीशन” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]गर्भधारण से बचने के उपाय में सबसे पहले तो सेक्स पोजीशन का ध्यान रखे.. इसके लिए आप स्टैंडिंग पोजीशन यूज करें। इसके अलावा अनाल सेक्स भी एक तरीका है। यदि स्त्री पुरुष के ऊपर हो तब भी प्रेग्नेंसी के चांसेस कम होते है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”सेक्स करने के बाद के टिप्स” font_container=”tag:h4|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]ध्यान रखे कि महिला सेक्स के तुरन्त बाद लेटी ना रहे, वो खड़ी हो जाए और योनि को अच्छी तरह अंदर तक साफ करें और किसी गर्म चीज़ का सेवन करे। आप हल्दी का दूध या करेले का रस पी सकती है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”2-ओवुलेशन पीरियड में सेक्स ना करे” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]इसके लिए महिला को अपनी माहवारी की तिथि को देखकर ओवुलेशन पीरियड का अंदाजा लगाना होता है। जोकि पीरियड शुरू होने के 14 दिन पहले होता है, इस समय पर सेक्स से बचें।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”3-प्याज का रस” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]सेक्स करने से पहले प्याज को कसकर निचोड़ लें और उसका रस निकाल ले। इस रस को सेक्स से पहले रुई के फाहे से योनि में मल ले।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”4-सीताफल के बीज” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]सीताफल के बीजों को लेकर अच्छे से पीसकर पेस्ट बना ले, इस पेस्ट को योनि में मलने से सफाई भी हो जाती है और गर्भ भी नही ठहरता।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”5-शरीर का तापमान” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]ऐसा माना जाता है कि ओवुलेशन के टाइम पर भी एक खास पीरियड होता है जिसमे प्रेग्नेंसी के चान्सेस ज्यादा होते हैं। इसके लिए महिला रोज अपना टेम्परेचर नापती है और उसी के आधार पर सेक्स का निर्णय लिया जाता है। हाई ओवुलेशन पीरियड में बॉडी टेम्परेचर आधा से एक डिग्री बढ़ जाता है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”6-रस्खलन से पहले सयंम” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]इस तरीके में पुरुष रस्खलित होने से पहले ही सेक्स करना बंद कर देता है।[/vc_column_text][vc_column_text]ये सभी तरीके बिना साइड इफ़ेक्ट के होते है लेकिन 100% सेफ नही होते, इन्हें इस्तेमाल करने के बाद भी प्रेग्नेंसी की संभावना बनी रहती है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”आर्टिफिशियल तरीका” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%234082c6″][vc_custom_heading text=”1-गर्भनिरोधक गोलियां” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]इन गोलियों का सेवन माहवारी के पहले दिन से लेकर 21 दिन तक रोज किया जाता है। इसके अलावा इमरजेंसी पिल भी आती है जिनका सेवन असुरक्षित सेक्स के 72 घण्टे के अंदर करना होता है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”2-कॉपर टी” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]गर्भनिरोधक तरीको के रूप में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाली विधि। यह T आकार के आकार की होती है और इसे महिला की योनि में फिट किया जाता है। बच्चे की इच्छा होने पर इसे निकलवाया जा सकता है।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”3-इंजेक्शन” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन के ये इंजेक्शन हर 2 से 3 महीने पर लगाए जाते है। ये हॉर्मोन ओवुलेशन को रोककर गर्भधारण नही होने देते।[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”अन्य तरीके ” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%234082c6″][vc_column_text]इसके अलावा और भी तरीके है जैसे

  • कंडोम
  • महिला अथवा पुरुष नसबंदी
  • इंट्रा यूटेराइन डिवाइस का उपयोग
  • बर्थकंट्रोल रिंग का उपयोग
  • जन्म नियंत्रणपट्टी
  • डायाफ्राम का उपयोग
[/vc_column_text][vc_column_text]ये तरीके सेफ होते है पर इनके काफी साइड होते है इसलिए डॉक्टर की निगरानी में सही तरीका चुने।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

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