आखिर क्या है माहवारी न आने के कारण-Mahwari Ka Na Aana In Hindi

माहवारी जो देखने मे चाहे झंझट लगे, लेकिन एक महिला के जीवन की सबसे बड़ी खुशी इसी से जुड़ी होतो है। इसी माहवारी के कारण एक महिला माँ बनने का सुख प्राप्त करती है। माहवारी में प्रत्येक महीने में 4 से 5 दिन का रक्तस्राव होता है। यह प्रक्रिया हर महीने होती है और इसे पिरियड्स या मासिक धर्म कहा जाता है। माहवारी शुरू होने से लेकर माहवारी खत्म होने तक कई तरह की अनियमितताए हो सकती है जैसे मासिक धर्म का कम आना, मासिक धर्म के दौरान अधिक खून निकलना और पीरियड न होना या अनियमित माहवारी। आज इस आर्टिकल में हम आपको माहवारी न आने के कारण बताएंगे। साथ ही इस दिक्कत के बचाव और इलाज के बारे में भी बताएंगे।

माहवारी ना होने का अर्थ क्या हैं-

सामान्य तौर पर किसी भी महिला को 21 से 35 दिन के अंदर पीरियड्स होते हैं, इसमे एक से दो दिन आगे या पीछे हो सकता है। लेकिन कई बार ये अंतर 8 से 10 दिन और कभी कभी इससे भी ज्यादा हो जाता है।
पीरियड न आने की सबसे बड़ी और मुख्य वजह प्रेगनेंसी ही होती है। लेकिन माहवारी का लेट होना बहुत सी समस्याओं को इंगित करता है।

माहवारी न आने के कारण

माहवारी न आने के कारण निम्न हो सकते है।

हार्मोनल डिस्टर्बेंस-period time par na hona

जब भी किसी लड़की की माहवारी शुरू होती है, या किसी महिला की माहवारी बन्द होने का समय होता है, तो हॉर्मोन्स डिस्टर्बेंस हो सकते है। माहवारी के शुरू होने या बन्द होने पर रक्तस्राव कभी बहुत ज्यादा कभी कम, कभी महीने में दो बार और कभी महीनों नही होता।
ये समस्याएं समय के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन फिर भी उचित देखभाल और डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है।

गर्भनिरोधक गोलियां-mahwari ka time pe na hona

स्त्रीरोग विशेषज्ञ के मुताबिक, गर्भनिरोधक गोलियों का नियमित सेवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। कम उम्र की लड़कियों को इसका सेवन कभी नही करना चाहिए।क्योंकि यह प्रजनन प्रणाली के विकास को बाधित कर सकती हैं।

ये गोलियां हार्मोनल असंतुलन, अनियमित माहवारी, माहवारी न आने के कारण बन सकती है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम-periods na aane ki wajah

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या पीसीओएस में ओवरी में छोटी छोटी सिस्ट बन जाती हैं। और महिला में पुरुष हॉरमोन की मात्रा बढ़ जाती है। अंडाशय सही से काम नही करता।

ऐसे में ना केवल माहवारी अनियमित हो जाती है बल्कि प्रेग्नेंसी में बहुत कॉम्प्लिकेशन आती हैं।

अचानक से ज्यादा वर्कआउट-period na aane ka reason

अगर आप अचानक से ज्यादा व्यायाम शुरू कर देती है, तो बहुत सम्भावना है कि आपके पीरियड अर्थात माहवारी अनियमित हो जाए। रक्तस्राव कम होने की समस्या या माहवारी न होने की समस्या हो सकती हैं।

ऐसा अचानक से बॉडी मेटाबोलिज्म में बदलाव आने से होता है।

थायरोइड-period na aane ka reason in hindi

पीरियड्स का इर्रेगुलर होना थायरॉइड के शुरुआती लक्षणों में से एक है। थाइरोइड हॉर्मोन्स का कम या ज्यादा बनना दोनों ही स्थिति खतरनाक है।

प्रोलैक्टिन का अधिक स्तर-period na hone ke karan

अगर महिला के खून में प्रोलेक्टिन का लेवल बढ़ जाए तो भी माहवारी बन्द हो सकती है। जब एक प्रसुता स्त्री, शिशु को स्तनपान कराती है तो यही प्रोलेक्टिन माहवारी ना होने का कारण होता हैं।

अन्य कारण-Mahwari Ka Na Aana In Hindi

माहवारी ना होने के अन्य कारण निम्न है।

  • बहुत ज्यादा तनाव या चिंता
  • डायबिटीज
  • हार्मोन चिकित्सा लेना।
  • मोटापा या वजन ज्यादा होना।
  • गलत लाइफस्टाइल और खानपान

कैसे करे बचाव

  • संतुलित आहार लें। फास्टफूड जंकफूड खाने से बचें। खाने में मैदा, सफेद चीनी तो बिल्कुल ही बन्द कर दे।
  • ओवरईटिंग न करें, स्ट्रेस में कई बार आप ज्यादा खाने लगती हैं, जोकि किसी भी लिहाज से नही हैं। ज्यादा खाना न केवल मोटापा बढ़ाएगा बल्कि कोलेस्ट्रॉल, हार्मोनल डिस्टर्बेंस, जैसी दिक्कतें खड़ी कर देगा।
  • पतले होने के लिए जरूरत से कम ना खाएं।हॉर्मोन्स डिस्टर्बेंस से, पी सी ओ डी से, थाइरोइड से, तनाव से मोटापा बढ़ जाता है। ऐसे में पतले होने के लिए कुछ महिलाएं जरूरत से कम खाने लगती है।
    ऐसा करना शरीर के लिए बहुत खतरनाक हैं, ऐसा करने से मेटाबोलिज्म और भी खराब हो जाएगा।
  • रोजाना एक्सरसाइज करें। संतुलित आहार के साथ यदि आप केवल आधा घण्टा व्यायाम या ब्रिस्ट वाक के लिए निकाले। यदि आप लगातार ऐसा करेंगी तो यकीन मानिए सारी दिक्कतें धीरे धीरे कम खत्म हो जाएंगी।
  • शुगर और थाइरोइड को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाएं। डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी परहेज़ और दवाईयों में कोई ढील ना बरते।
  • तनाव कम करने के लिए योग करें और ध्यान लगाएं। म्यूजिक डांस जिसका भी आपको शौक हो उसे जरूर पूरा करें।

अंत मे केवल इतना कहना चाहेंगे कि माहवारी का न होना, काफी हद तक आपकी लाइफ स्टाइल, मानसिक स्थिति और खानपान पर निर्भर करता है।

इसलिए कोशिश करें कि आपको दवाइयों और डॉक्टर की जरूरत न पड़े।

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