आप गर्भवती हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए गर्भावस्था के प्रथम सप्ताह में आपका शरीर आपको कुछ संकेत देता है । यदि आप इन्हें कुशलतापूर्वक समझ जाती हैं, तो आपके लिए अपना विशेष ध्यान रखना आसान हो जाता है । लेकिन सभी महिलाएं इन संकेतों को नहीं समझ पाती हैं । आईये देखते हैं ये गर्भवती महिला के लक्षण कौन कौन से हैं :-
गर्भवती महिला के लक्षण-Garbhwati Hone Ke Lakshan
माहवारी का न होना
गर्भावस्था का जो प्रमुख संकेत है , वह है माहवारी का न होना । गर्भाशय में भ्रूण के स्थापित हो जाने से मासिक धर्म या माहवारी रुक जाति है । परन्तु ऐसा आपकी असंतुलित जीवनशैली की वजह से भी संभव है । आपके अव्यवस्थित खान पान के कारण भी माहवारी निश्चित समय के कुछ दिन बाद आ सकती है। अतः २-३ सप्ताह बीत जाने पर ही सुनिश्चित करें की आप गर्भवती हैं ।
इम्प्लान्टेशन ब्लीडिंग
गर्भावस्था का एक लक्षण इम्प्लान्टेशन ब्लीडिंग भी है ,जिसमे माहवारी आने के बजाय, आपको स्पोटिंग या रक्त की कुछ बूँदें दिखाई देती हैं। बूँदें २ या ३ दिन भी नज़र आ सकती हैं । ऐसा तब होता है जब निषेचित अंड यूटरस लीनिंग में आ जाता है । हालाँकि इस तरह की ब्लीडिंग या स्पोटिंग माहवारी आने से पहले भी होती है । इसके लिए आपको ब्लीडिंग के साथ साथ गर्भावस्था के अन्य लक्षणों को भी ध्यान में रख क्र सुनिश्चित करना होगा की आप गर्भवती हैं ।
थकान
गर्भवती होने पर आपको थकान भी अधिक महसूस होती है । आपके शरीर में होने वाले बदलाव ,हार्मोंस में होने वाले बदलावों के कारण ऐसा होता है । गर्भावस्था में सरदर्द एवं थकान एक आम समस्या है । इस थकान का फायदा आपको एक अच्छी नींद के रूप में मिलता है ।आपकी नींद में इजाफा हार्मोंस में प्रोजेस्टोरोंन का स्तर बढ़ने के कारण होता है। दिनभर की थकान के साथ साथ गर्भावस्था की थकान आपको एक अच्छी नींद में सहायता करती है ।
स्तनों में बदलाव
स्तनों के आकार में बदलाव , भारीपन एवं दर्द महसूस होना गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों में से एक है । एक गर्भवती महिला के स्तन अत्यधिक संवेदनशील हो जाते हैं। स्तनों का आकार पहले की अपेक्षा बढ़ जाता है और स्पर्श करने पर स्तनों में ऐंठन महसूस होना गर्भावस्था का सामान्य लक्षण है। स्तनों में मिल्क ग्लैंड्स के विकास कार्य शुरू होने के कारण स्तनों में दर्द, परिवर्तन जैसे लक्षण दीखते हैं। यह विकास प्रथम सप्ताह से लेकर डिलीवरी तक होता रहता है ।
भूख कम लगना
अधिकतर महिलाओं को गर्भावस्था में भूख कम लगती है। हार्मोंस में बदलाव के कारण गर्भवती को भूख कम लगती है । जबकि इस समय महिला को अपना एवं अपने खान पण का अधिक ध्यान रखना चाहिए । एच. सी . जी . हार्मोन्स के स्राव के कारण महिलाओं को भूख कम लगने लगती है । मोर्नोंग सिकनेस भी आपके खाना खाने की इच्छा को प्रभावित करता है। खाने की गंध, उल्टी, इन सब कारणों से भी महिलाएं खाना कम खाती हैं ।
मूड स्विंग
प्रोजेस्टोरोंन एवं एस्टोरोंन हार्मोंस के स्तर में बदलाव गर्भवती महिला के मूड को भी प्रभावित करता है । झुन्झुलाहट ,चिडचिडापन , उत्साहित होना, हतोत्साहित होना ,भावनाएं आदि । ये सब भावनाएँ उनमें निरंतर अपना स्तर बदलती रहती हैं। इसके कारण महिला में अवसाद एवं तनाव भी उत्पन्न हो सकता है ।
कब्ज एवं उल्टी की शिकायत
गर्भावस्था में महिलाओं में कब्ज की समस्या भी हो सकती है । यह लक्षण सबके लिए मान्य नहीं है । कुछ महिलाओं को उल्टी की भी समस्या हो सकती है , या मितली की शिकायत हो सकती है ,इसे मोर्निंग सिकनेस भी कहते है । पाचन तंत्र में हो रहे बदलावों के कारण महिला को कब्ज एवं उल्टी की शिकायत या गैस की शिकायत भी हो सकती है ।
कमर अथवा कमर के निचले हिस्से में दर्द
क्यूकि आपका शरीर एक नयी जिम्मेदारी के लिए तैयार हो रहा है, इसलिए इसमें आ रहे बदलावों की वजह से आपको परेशानियाँ जरूर होंगी। कमर एवं कमर के निचले हिस्से में दर्द का कारण महिला के गर्भाशय में खिचाव होता है। यह दर्द पेल्विक एरिया से सम्बन्धित लिगामेंट्स में खिचाव के कारण होता है। इसके लिए गर्भवती महिला को खान पान के साथ साथ अपने शरीर को आराम भी देना चाहिए।
यह दर्द माहवारी तिथि के समय प्रबल होता है और यह दर्द गर्भवती को हर महीने महसूस होता है ।
तीव्र गंध आना
गर्भवती महिला में प्रथम सप्ताह से ही सूंघने की शक्ति का विकास असाधारण होता है । कुछ महिलाओं को कुछ विशेष गंध से असहज महसूस हो सकता है । अधिकतर महिलओं को उन पदार्थों की गंध भी परेशान कर सकती है , जो उन्हें गर्भावस्था से पहले अच्छी लगती थी । महिला को गंध की वजह से उल्टी या सरदर्द की शिकायत भी हो सकती है ।
प्रबल इच्छा
कभी कभी गर्भावस्था में महिला को किसी भी समय किसी विशेष भोजन को खाने की तीव्र इच्छा भी हो सकती है । कुछ महिलाओं को चाक, मिट्टी जैसी चीजें खाने का भी मन करता है । शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण एवं हार्मोंस में बदलाव के कारण अलग अलग पदार्थ खाने की तीव्र इच्छा महिला में विकसित हो जाती है ।
बार बार पेशाब आना
गर्भ ठहरने पर गर्भवती महिला के गर्भाशय के आकार में परिवर्तन होता है । गर्भाशय का आकार पढने के कारण यूरिन ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और महिला को बार बार पेशाब जाने की इचा होती है। बार बार पेशाब जाना भी गर्भावस्था का एक प्रारंभिक लक्षण है । ऐसा होने पर भी महिला को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को हाइड्रेट रखने लिए अत्यंत आवश्यक है ।
शरीर के तापमान में परिवर्तन
गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनोँ में शरीर का तापमान निरंतर परिवर्तित होता रहता है। यह सामान्य दिनोँ की अपेक्षा अधिकतम रहता है। माहवारी के दिनोँ में या माहवारी आने के ठीक पहले भी आपको अपने शरीर के तापमान में भी अंतर महसूस होता होगा। ठीक उसी प्रकार गर्भवती महिला का शारीरिक तापमान भी सामान्य से अधिक बना रहता है एवं गर्भवती ररहने तक बना रहता है।
ये गर्भावस्था के कुछ जाने माने सामान्य लक्षण हैं, जो अधिकतर महिलाओं में प्रकट होते हैं। उचित जांच से ही गर्भावस्था की पुष्टि करें एवं अपना ध्यान रखें । आप अपने खान पान पर विशेष ध्यान देकर अपने बच्चे के विकास में भरपूर योगदान दें।