जानिए क्या है गर्भावस्था में दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव

गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान बच्चे के ज्यादातर अंगो का विकास होता है। ज्यादातर डॉक्टर इस वक्त किसी भी दवाई से परहेज़ करने के लिए कहते है। अगर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान किसी तरह की दवा लेती हैं, तो अक्सर नुकसान होने की संभावना है।
हालाकि कुछ परिस्थित जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर या अस्थमा में दवाई लेना आवश्यक बन जाता है। अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं की एक सूची दें, जिन्हें आप अक्सर इस्तेमाल करती है। जिनमें डॉक्टर के प्रेस्क्राइब दवाएं और ओवर-द-काउंटर दवाएं, पोषण की खुराक, पूरक चिकित्सा (जैसे हर्बल दवा) का समावेश होता है। जब आप गर्भवती है तब गर्भावस्था में ले जाने वाले विटामिन सुरक्षित और महत्वपूर्ण होते हैं। अन्य विटामिन, हर्बल उपचार, और पूरक आहार लेने की सुरक्षा के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें। अधिकांश हर्बल मेडिसिन और सप्लीमेंट्स गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित नहीं है।

गर्भावस्था में दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव क्या होते हैं ?
गर्भावस्था में दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव क्या होते हैं ?

चलिए देखते है कि आमतौर पर किसी दवा से गर्भावस्था में कैसे नुकसान हो सकता है।

  • भ्रूण के सामान्य विकास में हस्तक्षेप करना
  • बच्चे के अंगों को नुकसान पहुँचाना
  • प्लेसेंटा को नुकसान पहुंचाना और बच्चे की जान जोखिम में डालना

तदोपरांत गर्भावस्था में हानिकारक दवाई लेने से आप मिसकैरिज और प्रीमेच्योर डिलीवरी की संभावना को भी नकार नहीं सकते।इसके अलावा दवा का प्रकार, मात्रा, कॉम्बिनेशन, बच्चे की गर्भ में उमर, मा की सामान्य सेहत आदि की जानकारी भी दवा के भ्रूण पर असर में महत्वपूर्ण है। कुछ ओवर ध काउंटर (विधाऊट प्रेस्क्रिप्शन खरीदी जाने वाली) दवाइयाँ जो गर्भावस्था के दौरान लेने के लिए खतरनाक हैं।
फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान Phenylephrine या pseudoephedrine, न लें। जो कि बंद नाक की दवा हैं। फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान गुइफेनेसिन वाली दवाओं से बचें। खांसी और सर्दी की दवाएं जिनमें गुइफेनेसिन होता है। एस्पिरिन और इबुप्रोफेन और नेपरोक्सन जैसे दर्द की दवाएं लें सकते हैं। इन दवाओं के साथ जन्म दोष का खतरा कम है।

दवाओं के हार्मफुल इफ़ेक्ट

कुछ प्रेस्क्राइब दवाएं जो गर्भावस्था के दौरान लेने के लिए खतरनाक हैं। किसी भी बच्चे के लिए जन्म दोष का खतरा लगभग चार प्रतिशत है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी परिस्थितियों के बावजूद गर्भवती महिला अगर दवाओं से बचती है तब भी गर्भवती होने के कारण जन्म के दोष के साथ बच्चा होने की संभानाएं है। गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाओं के विपरीत असर के कारण बच्चे में जन्म दोष हो सकता है। इन दवाओं को टैराटोजेनिक कहा जाता है।

एमिनोप्टेरिन एक दवा है जिसका उपयोग कैंसर के ट्यूमर के इलाज के लिए किया जाता है। अमीनोप्टेरिन फोलिक एसिड को रोकता है। फोलिक एसिड गर्भ में बच्चे के विकास के लिए अति आवश्यक है। यह दवा चेहरे की असामान्यताएं जैसे कि क्लेफ्ट लिप और क्लेफ्ट पैलेट भी पैदा कर सकती है।

फ़िनाइटोइन, वैल्प्रोइक एसिड और ट्राइमेथेडिन कुछ मिरगी-रोधी दवाएं है। जो गर्भ में पल रहे बच्चे में कार्डियोवास्कुलर असामान्यताएं, क्लेफ्ट पैलेट और माइक्रोसेफली (सीर का छोटा होना) जैसी असामान्यताएं पैदा कर सकते है। मिर्गी से पीड़ित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान विशेष निगरानी और देखभाल की आवश्यकता होती है। जिसमें दवा में बदलाव शामिल हो सकता है।

वारफारिन, रक्त को पतला करने वाली दवा, एक टेरेटोजेन है। वारफारिन बौद्धिक विकलांगता सहित सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिफेक्ट पैदा कर सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाले एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) इन्हिबिटर नामक ड्रग्स उपयोग में ली जाती है। गर्भावस्था के दौरान यह ड्रग कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। यह दवा गर्भ में पल रहे बच्चे के गुर्दों को खराब कर सकती है।

आइसोट्रेटीनोइन का उपयोग गंभीर मुँहासे के इलाज के लिए किया जाता है। आइसोट्रेटीनोइन को जन्मजात असामान्यताओं के साथ जोड़ा जाता है। इनमें क्लेफ्ट पैलेट, हार्ट डिफेक्ट, बाहरी कानों की असामान्यता और निचले जबड़े का अविकसित होना शामिल हैं।

कुछ प्रकार के ट्रैंक्विलाइज़र, जैसे कि फेनोथियाज़ीन और लिथियम, को टेराटोजेंस माना जाता है। इसी तरह, एंग्जाइटी का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, जैसे कि डायजेपाम, जन्मजात असामान्यताओं जैसे कि क्लेफ्ट लिप या पेलेट से जुड़ी होती हैं।

सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (SSRI) डिप्रेशन के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। यह दवा नाल को पार करने और बच्चे को प्रभावित करने में सक्षम हैं। इन दवाओं के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए, गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह अनुसार कोई भी दवा लेनी चाहिए।

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