gharelu nuskhe for abortion in hindi

1 से 3 महीने का गर्भपात के घरेलू टिप्स : सबसे सुरक्षित तरीके

क्या आप गर्भवती हैं? क्या अनचाहे गर्भ से आपको चिंता हो रही है? गर्भावस्था केवल तभी रोमांचक होती है जब वो अपेक्षित हो। कई बार अकस्मात गर्भधारण भी हो जाता है। जहां कपल किसी भी कारण से अनियोजित गर्भावस्था नहीं चाहते हैं। ऐसे किस्से में कपल गर्भपात करने का फैसला करता है। इस लेख में हम गर्भपात के घरेलू तरीके और प्राकृतिक गर्भपात के तरीकों के बारे में जानेंगे।

हालांकि, गर्भपात के दौरान माँ के स्वास्थ्य को खतरा रहता है। यहाँ बताए गए उपाय घर पर आसान गर्भपात करने के तरीके  है।

घर पर प्राकृतिक गर्भपात के लिए कौन सी सावधानियां बरतें

कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए घरेलू उपचार सरल है। फिर भी गर्भपात के लिए वे सही समाधान नहीं हैं। ये कई सदियों से दुनिया भर में कई महिलाओं द्वारा आज़माया और परखा गया है। हालांकि, गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे के साथ गर्भपात हमेशा 100% सुरक्षित नहीं है। आपको कुछ सावधानियां रखनी पड़ेगी।

इन गर्भपात करने के घरेलू उपाय को आजमाने से पहले आप अपने निर्णय के बारे में सुनिश्चित हो जाए। गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे का असर उलटा नहीं कर सकते।

अगर आपने गर्भावस्था के दस वीक पार कर लिए हैं तो इन घरेलू उपचारों का उपयोग न करें। बच्चा गिराने के तरीके के उचित ज्ञान की कमी से परेशानी हो सकती हैं। घर पर उन्हें आजमाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर है। घरेलू नुस्खों का उपयोग करते समय यदि आप किसी असुविधा का अनुभव करते हैं, तो बेहतर है कि डॉक्टर की सलाह लें।  यदि गर्भपात के घरेलू उपाय असफल होते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को कंसल्ट करे।

चेतावनी

इस लेख में अबॉर्शन के लिए घरेलू नुस्खों का उल्लेख किया गया है। जिसका सावधानी के साथ प्रयोग किया जाना चाहिए। कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए गर्भपात के किसी भी तरीके को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

गर्भपात के घरेलू नुस्खे इन हिंदी Garbhpat ke gharelu nuskhe in hindi

अजवाइन से गर्भपात

अजवाइन से प्रेग्नेंसी ख़तम करने का तरीका बहुत कारगार होता है| शुरुआती तौर पर गर्भवती महिला हररोज गरम पानी में अजवाइन के साथ काला नमक और जीरा मिला के छानकर पी सकती है। इससे अनचाही प्रेग्नेंसी ख़तम होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं| प्रेग्नेंसी में अजवाइन का यही प्रयोग एक गर्भनिरोधक के रूप में भी काम करता है। इससे एक्टिव सेक्स लाइफ के साथ आपके प्रेगनेंट ना होने की संभावना बढ़ जाती है।

लहसुन से गर्भपात

लहसुन हमारी रसोई में आसानी से पाया जाता है। इसके स्वास्थ्य सबंधी कई फायदे है। परंतु लहसुन का उपयोग अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। 10 वीक या उससे पहले की गर्भधारण की परिस्थिति में लहसुन का ज़्यादा उपयोग करना अनवांटेड प्रेग्नेंसी ख़तम करने की होम रेमेडी है। अगर रोज लहसुन का पर्याप्त सेवन किया जाए तो फायदा है। इसमें मौजूद ‘एलिसिन’ पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। परंतु अगर लहसुन से गर्भपात कराना है तो उसे 1500 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में लेना चाहिए। जो थोड़े दिनों के लिए लगातार करना चाहिए।

अनानास का रस पीने से गर्भपात

अनानास का फल गर्भपात करने के तरीके में उपयोग में ले सकते है। इसे सबसे अच्छा एबॉर्शन के घरेलू उपाय  में से एक कहा जाता है। अनानास शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना गर्भपात कर सकता है। अनानास में बड़ी मात्रा में विटामिन सी होता है। कुछ अन्य एंजाइम और रसायन होते हैं। जो गर्भपात का कारण बनते है। यह व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला प्रेग्नेंसी स्टॉप करने का तरीका है। अनानास को अच्छी तरह से छीलकर उसके टुकड़े काट लें। थोड़े पानी के साथ ग्राइंडर कर जूस बनाए। इस ज्यूस का नियमित रूप से सेवन करने से गर्भपात हो सकता है। इसमें उपस्थित ब्रोमेलैन के कारण गर्भाशय की दीवार नरम हो जाती है। और गर्भावस्था के शुरुआती दौर में गर्भपात हो जाता है।

पपीता के बीज से गर्भपात

पपीता बहुत सी महिलाओं में गर्भपात का कारण बनता है। गर्भपात करने के घरेलू उपाय में ये एक घरेलू तरीका है। हमारे देश में प्रारंभिक गर्भावस्था में गर्भपात के लिए प्राचीन काल से इस प्राकृतिक उपचार का उपयोग करते हैं। पपीता एक बहुत ही पौष्टिक फल है। इसमें कई विटामिन और खनिजों की अधिक मात्रा है। इसके स्वास्थ्य संबंधी अनगिनत लाभ है। इसका एक लाभ यह है कि इसे खाने से गर्भपात हो सकता है। महिलाएं आमतौर पर इसे घर पर गर्भपात के प्राकृतिक तरीके के रूप में अपनाती है। कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि पपीते में मौजूद फाइटोकेमिकल्स प्रोजेस्टेरोन की कार्रवाई में बाधा डाल सकते हैं। जो गर्भपात का कारण है।

प्रारंभिक गर्भपात के लिए विटामिन सी फूड्स

विटामिन सी में गर्भनिरोधक होने के प्राकृतिक गुण होते हैं। यह गर्भपात के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है। अच्छी मात्रा में खट्टे फल खाने से अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिलता है। यह विशेष रूप से तब किया जाना चाहिए जब आपके पास मासिक अवधि हो।

गर्भपात करने के घरेलू उपाय को अपनाते समय यदि ज़्यादा अवधि के लिए हेवी ब्लीडिंग, पेट दर्द, बुखार, कमजोरी जैसे लक्षण दिखे तो अपने डॉक्टर का संपर्क करे।

इसके अलावा भी बहुत से ऐसे तरीके है जो आप अपना सकते हैं

  • कच्चे केले का अंकुर लेकर उसे सूखे बबूल की फली की फली के साथ बराबर मात्रा में पीसकर रख ले। अब एक गिलास पानी मे थोड़ी सी शक्कर मिलाए और एक चम्मच पाउडर मिलाकर पी ले। ये उपाय तब तक करे जब तक ब्लीडिंग ना होने लगे।
  • कोहोश का नाम शायद आपने ना सुना हो। ये एक आयुर्वेदिक औषधि होती है। ये काले या नीले दोनों में से किसी भी रंग की हो सकती है।
  • कॉलसोस्पोनीन और ऑक्सिटोसिन इसमें पाए जाने वाले कुछ ऐसे तत्व है जो गर्भपात में मदद करते है।
  • मगवार्ट भी एक आयुर्वेदिक औषधि ही हैं, इसमें कुछ ऐसे केमिकल होते है जो यूट्रस संकुचन को तेज करते है और गर्भपात में मदद करते है। इससे किस प्रकार उपयोग करे हम बताते है, इसकी पत्तियों को धोकर पानी मे उबाल लें, अब इस पानी को 50ml दिन में 2 बार पिए, जब तक ब्लीडिंग ना हो जाए।
  • कपास के पौधे शायद बहुत लोगो ने देखे होंगे, आपको कपास के पौधे की जड़ लेनी है। अब जड़ की छाल को उतार लें। पुराने समय मे लोग इस विधि का प्रयोग करते थे, लेकिन आप इस प्रयोग को करने से पहले भली भांति जानकारी जुटा ले।इस छाल को पानी मे उबाले, जब पानी आधा रह जाये तो छानकर रख ले। गर्भपात होने तक रोज 50ml दिन में दो बार पिए।
  • कलौंजी का उपयोग भी गर्भपात के लिए किया जा सकता है, आप चाहे तो कलौंजी को चाय की तरह बनाकर या ऐसे ही आधा चम्मच कलौंजी पानी से सटक कर ले सकते है ।
  • आपको एस्पिरिन की टेबलेट किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से मिल सकती हैं, इस टेबलेट को 6 से 8 की मात्रा में रोज़ खाए। केवल इस टेबलेट को खाने से काम नही चलेगा , साथ मे दूसरे उपाय भी करने होंगे।
  • क्या आप जानते है कुछ ‘चीज’ दूध को बिना उबाले भी बनाई जाती है, जैसे रोकफोर्ट, गोर्गोजोला, फेटा इनको खाने से भी गर्भ गिर जाता है।
  • यूं तो अनार के बीज वैसे भी नुकसानदायक ही होते है, ध्यान रहे कि हम यहां पोमेग्रेनेट सीड आयल की बात नही कर रहे। गर्भवती स्त्री अगर अनार के बीज को पीसकर पानी के साथ खा ले तो गर्भपात हो सकता है।
  • यूं तो तुलसी को एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, माना जाता है, इसे खाने से केवल बीमारियों से ही नही अनचाहे गर्भ से भी निजात मिलती है। दरअसल तुलसी बहुत गर्म होती है, तो गर्भपात के लिए आप तुलसी के पत्तो का काढ़ा प्रयोग कर सकते हैं।
  • अजमोद के करीब 5 से 6 पत्तो को धोकर उनका पेस्ट बना ले, इस पेस्ट को एक गिलास पानी मे उबाल ले, इस पानी को तीन हिस्सों में बांट ले। दिन में तीन बार पिये। अजमोद सर्विक्स को नरम बनाकर, गर्भाशय की दीवार को मुलायम बनाता है, जिससे भ्रूण आराम से निकल आता है।
  • गर्म तासीर वाले तेल जैसे अरण्डी, तिल या लहसुन और अजवायन में पका हुआ सरसो का तेल, इन तेलों की मालिश पेड़ू पर करने से भी गर्भपात की संभावना बनती हैं।
  • कैमोमाइल टी या कैमोमाइल ऑयल के बारे मे तो आप जानते ही होंगे, इसमें थुजोंन नाम का रसायनिक तत्व होता है जो गर्भपात में सहायक हो सकता है। कैमोमाइल टी के साथ आप इलायची का सेवन भी विभिन्न रूपो में कर सकते है जैसे शहद के साथ या ऐसे ही चबाकर
  • बार बार गर्म पानी पीना और तेज गर्म पानी से स्नान करना भी गर्भपात का एक उपाय है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नही है, पर ऐसा मानते है कि यदि गर्भ कम समय का हो तो इस उपाय से गर्भपात हो सकता है।
  • तिल की तासीर बहुत ही गर्म मानी जाती है, यही कारण है कि तिल की गजक और लड्डू सर्दियों में आते है। तिल को भून कर पीस ले और शहद में मिलाकर दिन में तीन बार खाए। इसके अलावा तिल के गजक और लड्डू भी खाए जा सकते है।
  • बहुत सी कम्पनियो के ग्रीन टी के पैकेट पर लिखा होता है गर्भवती महिलाओं के लिए नही, इसका मतलब यही है कि ग्रीन टी से एम्ब्रायो को नुकसान हो सकता है। तो यदि आप गर्भपात चाहती है तो कम से कम दिन में 4 बार ग्रीन टी का सेवन करे।
  • अगर आप जरूरत से ज्यादा व्यायाम करें जैसे दौड़ लगाए,रस्सी कूदे, तो ब्लीडिंग के रूप में गर्भपात हो सकता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखे कि ये गर्भपात को ब्लीडिंग हो स्पॉटिंग की नही, इसके लिए जांच कर ले।
  • पुदीना भी गर्भपात करने में मददगार हो सकता है, पुदीने को चाहे तो चटनी बनाये,कच्चा खाएं, चाय बनाए या पुदीने का तेल इस्तेमाल करे।
  • आपको पता ही होगा कि गर्भावस्था में डॉक्टर बी पी बढ़ने पर चिंतित हो जाते है, क्योंकि बड़ा हुआ बी पी भ्रूण को नुकसान पहुंचाता है।तो आप गर्भपात के लिए ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीज़े जैसे तेज नमक,तला भुना भोजन,काले अंगूर खाए। 2 से 3gm बबूल के पत्ते 2 कप पानी मे उबालकर,पानी ले आधा होने तक उबलने दे। फिर इस पानी को छानकर पी ले।
  • रात को सोयाबीन की दाल को भिगो दें और सुबह उठकर खाली पेट इन्हें पानी के साथ निगल ले।
  • कटहल की सब्जी भरपूर मात्रा में खाए।
  • एक गिलास पानी मे साबुत दालचीनी और अजवायन डालकर उबाले, इस पानी को दो हिस्सों में बांटकर पिए।
  • गाजर की बीज बहुत ही ज्यादा गर्म माने जाते है इसलिए इनकी गर्भपात की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। एक चम्मच गाजर के बीज को पानी के साथ खाए।
  • पुराने समय मे बड़ी बुजुर्ग शुरआती महीनों में ड्राई फ्रूट खाने से मना करती थी। क्योंकि ये बहुत ही गर्म होते है।
  • तो गर्भ गिराने के लिए आप बादाम,अखरोट,पिस्ता, अंजीर,काजू,मखाने खूब खाए।
  • मार्किट में गर्भपात के लिए मिलने वाली गोलिया आसानी से उपलब्ध है इन्हें सम्बन्ध बनाने के 72 घण्टे के अंदर ले लिया जाता है।लेकिन इनके बहुत साइड इफ़ेक्ट होते है।
  • तो बिना डॉक्टरी सलाह के ये गोलियां बिल्कुल ना ले।

बाजरा

बाजरा बहुत ही ज्यादा गर्म होता है, इसलिए गर्भपात के लिए दो तीन दिन बाजरे की रोटी या खिचड़ी खाए।

ध्यान रखे इन बातों का

ध्यान रहे ये प्रयोग शुरू के 1 से 2 महीने के बीच ही कारगर है। इस पीरियड के बाद डॉक्टर को दिखाए और मेडिकल टर्मिनेशन करवाए।
ये सभी उपयोग सम्बन्ध बनाने के बाद अथवा गर्भावस्था की शुरुआत में किए जा सकते है।

गर्भपात के बाद पेट में दर्द क्यों होता है?

गर्भपात के बाद महिलाओं के गर्भाशय के आकार में वृद्धि हो जाती है । जब बढ़ा हुआ गर्भाशय धीरे-धीरे अपने ओरिजिनल शेप में आता है तो महिलाओं को थोड़ा दर्द हो सकता है । गर्भपात के बाद महिलाओं के गर्भाशय में थक्के बनते हैं जो पेट में दर्द की समस्या को जन्म देते हैं।

गर्भपात के बाद क्या सावधानी रखनी चाहिए?

गर्भपात के बाद जितना हो सके तरल पेय पदार्थ लेंना चाहिए। कम से कम 3 हफ़्तों तक भारी वजन उठाने से बचना चाहिऐ। डॉक्टर के द्वारा बताये गए दवाईयो का सेवन करें। गर्भपात से 2 हफ़्तों तक व्यायाम करने से बचें। गर्म पानी से नहाने या स्पा आदि में जाने से बचें कुछ दिनों तक, ताकि गर्भाशय के अन्दर किसी तरह के संक्रमण होने खतरा न हो सके। गर्भपात के 2 से 4 हफ़्तों तक सेक्स करने से बचें।

गर्भपात के बाद क्या करना चाहिए?

गर्भपात के बाद ब्‍लीडिंग बहुत होती है इसलिए इस दौरान महिलाओं को आयरन युक्‍त आहार लेना चाहिए। ब्‍लीडिंग के कारण शरीर में आयरन की कमी हो जाती है जिससे एनीमिया हो सकता है। मिसकैरेज के बाद थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है। गर्भपात के बाद बींस, हरी पत्तेदार सब्जियों, किशमिश, दालें, कद्दू के बीज, सोयाबीन, ब्राउन राइस और डार्क चॉकलेट का सेवन करना चाहिए ये आयरन से भरपूर होती है।

Leave a comment