Symptoms of miscarriage in Hindi
[vc_row][vc_column][vc_column_text]गर्भावस्था में महिला को बहुत से शारीरिक और मानसिक बदलावो से गुजरना पड़ता है। माँ एक अलग ही खुशी और उम्मीद के साथ इस सफर की शुरुआत करती है। अचानक हुआ गर्भपात माँ और परिवार दोनो के लिए एक असहनीय झटका होता है।
गर्भपात होता क्या है?(garbhpat hota kya hai)
माँ के गर्भ में पल रहा भ्रूण 20वे से 24वे, मृत्यु को प्राप्त हो जाए तो इसे गर्भपात कहते है।
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गर्भपात के प्रकार ( Garbhpat ke prakar)
गर्भपात मतलब भ्रूण की मृत्यु लेकिन सब गर्भपात एक समान नही होते। कुछ गर्भपात में ना तो रक्तस्राव होता हैं ना किसी तरह का दर्द, गर्भपात के बाद भी भ्रूण गर्भ में ही रहता है। पर जब रेगुलर चेकअप के दौरान डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कराती है तो गर्भ के विकास रुकने का पता चलता है।
दूसरी प्रकार के गर्भपात में अत्यधिक रक्तस्त्राव और भयंकर दर्द होता है। इसमे भ्रूण पूरी तरह गर्भाशय से बाहर आ जाता है,
तीसरे तरह के गर्भपात में पेट मे ऐंठन के साथ सर्विक्स खुल जाता है तथा रक्तस्राव होता है। इन्फेक्शन से भी गर्भपात हो सकता है।[/vc_column_text][vc_column_text]
गर्भपात होने के कारण (Garbhpat ke karan)
हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन गर्भपात का एक कारण है। जैसे पी.सी.ओ.डी. में एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का असंतुलन तथा थाइरोइड में टी3 टी4 तथा टी.एस.एच. का असंतुलन
गर्भ या गर्भाशय में कोई कमी
- जब गर्भाशय का आकार और विभाजन असामान्य होता है । गर्भाशय की झिल्ली कमजोर होना। कमजोर इम्युनिटी या ब्लड क्लोटिंग की समस्या।
- क्रोमोसोम असमान्यता, पुरुषों के शुक्राणु और महिला के एग मिलते समय जब कोई कमी आ जाये तो भी गर्भपात की सम्भावना होती है
- महिला की उम्र ज्यादा होने पर भी क्रोमोसोम डिफेक्ट आ सकता है।
- निमोनिया,टी बी कोई पुरानी बीमारी या विटामिन E की कमी भी कारण हो सकती है।
तनाव
तनाव सीधे तौर पर तो नही पर अपरोक्ष रूप से हानि पहुंचाता है। तनाव के समय मस्तिष्क से रिलीज होने वाला कॉर्टिकोटरापिन हॉर्मोन शिशु को नुकसान कर सकता है।
गलत जीवनशैली
शराब अथवा धूम्रपान करना, बदपरहेजी करना,नींद पूरी ना लेना अप्रत्यक्ष रूप से हानिकारक है।
बिना जानकारी दर्द निवारक दवाएं लेना, साबुन, शैम्पू जैसे पदार्थो में सोडीयम लोरेट सल्फेट जैसे केमिकल के सम्पर्क में आना।
वेजिनल इन्फेक्शन
- शुरू के महीनों में लम्बी दूरी की यात्रा,पेट पर दबाव या चोट लगना, वजन उठाना।
- महिला अगर जहरीली गैस या कीटनाशक के सम्पर्क में आए।
- गर्भपात की कारक अन्य बीमारियां गुर्दे में खराबी,डायबिटिज,क्रोनिक नेफ्राइटिस,एनीमिया, कुपोषण,पथरी।
- इम्यूनोलॉजीकल डिसऑर्डर
गर्भपात के लक्षण (Garbhpat ke lakshan)
- योनि से ब्लीडिंग होना
- पेट या पेड़ू में ऐंठन होना
- कमर में असामान्य तरीके से दर्द होना
- प्रेग्नेंसी के लक्षणो में कमी आना
- सफेद रंग का म्यूकस निकलना
- योनि मार्ग में दर्द के साथ खून के थक्के निकलना
- चमकीले रँग का खून निकलना
- अप्रत्याशित तरीके से वजन कम होना
मिथ
- गर्भपात के बाद दोबारा माँ बना जा सकता है, लेकिन पूरी तरह देखभाल के बाद कंसीव करे।
- सम्भोग से गर्भपात नही होता केवल ऐसी पोजीशन ना ले जिसमे गर्भवती महिला के पेट पर दबाव पड़े।
- रक्तस्राव सदैव गर्भपात का लक्षण नही होता, शुरुआत में योनि से रक्तस्राव होना सामान्य बात है।
अगर गर्भपात हो जाए तो
- कुछ समय तक शारीरिक सम्बन्ध ना बनाए।
- धूम्रपान, कैफीन और शराब का सेवन न करे।
- खाने पीने का ध्यान रखें।
- पूरी तरह तन्दरुस्त होने से पहले दूसरी गर्भावस्था के बारे के न सोचें।
- गर्भपात के बाद होने वाले बुखार पर कड़ी नजर रखे,ये इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है।
गर्भपात से कैसे बचें?(garbhpat se kaise bache)
- अपना वजन जरूरत से ज्यादा नही बढ़ने देना चाहिए।
- गर्म तासीर वाली चीज़े जैसे पपीता,चीकू, नही खानी चाहिए
- गैस ,अपच से बचने के लिए भारी और तला हुआ कम से कम खाए।
- जंक फूड, कैफीन,एल्कोहल, छोड़ दे। जरूरत से ज्यादा मीठा भी आपको नुकसान करेगा
- विटामिन्स और मिनरल्स का सेवन अच्छे से करना चाहिए।
- फोलिक एसिड युक्त पदार्थ, हरि सब्जियां, विटामिन c, और चावल आदि का सेवन शुरू कर देना चाहिए
- डेयरी प्रोडक्ट के साथ साथ रेड मीट,हरी सब्जियां खाए।
- कैल्शियम , प्रोटीन, आयरन ले।
- हैल्थी खाने से हार्मोनल बदलाव से होने वाली समस्याए भी दूर होती है।
- डॉक्टर ने फोलिक एसिड का जो सप्पलीमेंट दिया है वो रेगुलर लेती रहे।
- जिंक का सेवन बढ़ा दे, कम से कम 15 मिलीग्राम रोज ले, साबुत अनाज, सूखे मेवे जिंक के अच्छे स्त्रोत है।
- इसकी कमी से प्रसव में दिक्कत हो सकती है।
- दूध,दही,पनीर,साबुत अनाज ,दाल,हरी सब्जियां,विटामिन c वाले फल,खूब पानी पिएं, छटे हफ्ते में कम से कम 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए।
- सुबह निम्बू पानी या नारियल पानी पिए, ब्रोकली,भिंडी,दाल,पालक,एवाकाडो खाए मछली,सोयापनीर,माँस ,अंडा,मीट ,चिकेन,बीन्स,टोफू खाए अधपका माँस, कच्चा अंडा,पपीता,सी फूड,कुकीज,केक,डोनट्स,जैतून,कनोला,मक्का का तेल,नट,बीज का सेवन ना करे।
- तनाव को कोसो दूर रखें, मेडिटेशन करे,म्यूजिक सुने, नेगेटिव लोगो को इग्नोर करें।
- काम के लिए भागदौड़ ना करे।
- खुश रहे ,सुबह सुबह नंगे पैर हरी घास पर चले।
- अच्छी और गहरी नींद ले।
- खूब पानी पिएं।
- वजन ना उठाए और कोई भी चीज़ उठाते हुए ज्यादा आगे ना झुके।
- सीढ़ियों का प्रयोग कम से कम करे या ना करे ज्यादा उछल कूद ना करें, यात्रा से बचे टहलते रहे,ज्यादा देर तक खड़े ना रहे ना खड़े होने वाली एक्सरसाइज ना करे।
- पेटदर्द, वेजिनल ब्लीडिंग में व्यायाम ना करें।
- गर्भवती महिला एक योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में योगासन और एक्सरसाइज अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार करे।
- नियमित टीकाकरण करवाए
गर्भपात से बचने के उपाय (Gharelu nuskhe)
- एक चम्मच आँवले के गूदे में शहद मिलाकर खाए।
- अशोक के पेड़ की छाल का काढ़ा बना कर रोज ले।
- नागकेसर,वंशलोचन और मिश्री का महीन चूर्ण बनाकर एक चम्मच रोज दूध के साथ ले।
- पके केले को मैश करके शहद मिलाकर ले।
- गाय के दूध और ज्येष्टिमधु का काढ़ा पेड़ू पर लगाएं भी और पिए भी।
- मूली के बीजों को पीसकर ,भीमसेनी कपूर और गुलाब के अर्क के साथ मिला ले फिर धीरे धीरे योनि में मले।
- हरी दूब के पांचों भाग(जड़, तना, पत्ती,फूल,फल)ले पीसकर मिश्री और दूध मिलाकर शर्बत बनाकर पिए।
- पीपल और बड़ी कंटकारी की जड़ को महीन पीस ले और भैंस के दूध के साथ ले।
- शिवलिंगी बीज का चूर्ण और पुत्रजीवक गिरी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिला ले, सुबह नाश्ते से पहले रात को खाने के बाद गाय के दूध से ले।
- अनार के पत्तो का रस पेड़ू पर लगायें या अनार के ताजा पत्ते पीसकर छानकर रस निकाल ले और पानी मे मिलाकर पिएं।
- ढाक के पत्ता महीने के हिसाब से मतलब पहले महीने एक,दूसरे महीने 2 इसी प्रकार नवे महीने तक 9 पत्ते एक गिलास दूध में पकाकर सुबह शाम ले।
- धतूरे की जड़ का टुकड़ा धागे में बांधकर कमर में बांध दे,9 महीने समाप्त होते ही निकाल दे।
- 12gm जौ का आटा,12gm मिश्री और 12gm काले तिल पीसकर शहद में मिलाकर चाट ले।
- निम्बू नमक की शिकंजी ले।
- काले चने का काढ़ा ले।
- अगर गर्भपात की सम्भावना लगे तो एक चम्मच फिटकरी कच्चे दूध के साथ पानी मिलाकर ले।
- 250gm दूध में आधा चम्मच सोंठ और चौथाई चम्मच मुलहटी मिलाकर ले।