बांझपन के कारण, लक्षण, बांझपन उपचार और इलाज

क्या और क्यों होता है बांझपन? बांझपन किसे कहते हैं?

माँ बनना हर महिला के जीवन का एक सुखद अनुभव है। शादी के बाद हर महिला माँ बनना चाहती है परन्तु कुछ कारणों से वह मां नहीं बन पातीं। जब कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती हैं तो इसे ही Infertility यानी बांझपन कहा जाता है । अन्य शब्दों में यदि एक साल तक प्रयास करने के बावजूद भी अगर महिला गर्भधारण नहीं कर पाती तो उसे इंफर्टिलिटी कहते हैं। इंफर्टिलिटी के कई कारण हो सकते है जैसे की हार्मोंस में बदलाव और हार्मोंस में असंतुलन, मासिक-चक्र में गड़बड़ी,पहले बच्चे के गर्भपात के कारणमासिक-चक्र में गड़बड़ी, महिलाओं में बांझपन की सामान्य वजह है। बांझपन का एक और मुख्य कारण है लाइफस्टाइल।

causes of Infertility
बांझपन के लक्षण

इस लेख में हम महिलाओं में बांझपन के लक्षण पर विस्तार से बात करेंगे।

बांझपन के कारण

  • मोटापा व वजन
  • अनियमित पीरियड्स
  • अधिक उम्र
  • तनाव
  • थायरॉइड
  • नशा
  • ज्यादा गर्भनिरोधक इस्तेमाल करने के कारण
  • ओव्यूलेशन ना होना
  • फेलोपियन ट्यूब का बंद होना

मोटापा व वजन

शादी के बाद अचानक ही ज्यादा वजन बढ़ जाये और फिर एक्सरसाइज से भी वजन कम ना हो तो इंफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। इसके लिए एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं। डॉक्टरों के माने तो वजन अधिक होने पर भी महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पातीं। मोटापे में गर्भधारण में दिक्कत होती है। हालांकि महिला का वजन जरूरत से ज्यादा कम होना भी ठीक नहीं क्योंकि ऐसे में भी मां बनने में दिक्कत आ सकती हैं।

अनियमित पीरियड्स

किसी भी महिला के प्रेग्नेंट होने के लिए उसके पीरियड्स (मासिक धर्म) का रेगुलर होना बहुत जरुरी है। अनियमित पीरियड्स या फिर पीरियड्स ना होना, पीरियड्स के दौरान तेज दर्द भी गर्भधारण करने में मुश्किलें पैदा करते है। पीरियड्स से रिलेटेड ऐसी कोई भी समस्या होने पर तुरंत ही अपने डॉक्टर से बात करे।

अधिक उम्र

causes of Infertility
बांझपन के लक्षण

उम्र अधिक हो जाने पर भी महिलाओ की प्रजनन क्षमता काफी कम हो जाती है जिस वजह से भी गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है।

तनाव

आज की लाइफस्टाइल में ज्यादातर महिलाएं कामकाजी है इसका असर आपकी नींद पर भी पड़ता है यदि आप ठीक सो नहीं पा रही तो आप डिप्रेशन जैसी समस्या का आसानी से शिकार हो सकती है और तनाव (डिप्रेशन) के कारण भी महिला की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है और गर्भधारण करने में दिक्कत आ सकती हैं।

थायरॉइड

थायरॉइड होने पर भी महिलाएं आसानी से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। हाइपर थायरॉइड से जूझ रही महिलाओं को रिप्रोडक्टिव हार्मोन बैलेंस करने में काफी दिक्कत आती है जिस कारण से मेंस्ट्रुअल साइकल में गड़बड़ हो जाती है। इससे समय से पहले पीरियड्स होना, पीरियड्स में बहुत कम खून निकलना या फिर बहुत अधिक ही खून आना जैसी समस्याए हो जाती हैं।

नशा

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आजकल केवल पुरुष ही नहीं बल्कि कई महिलाएं भी शराब पीती है और नशा करती हैं जो गर्भधारण की इच्छा रखने वाली महिलाओ के लिए ठीक नहीं है। इतना ही नहीं धूम्रपान करने वाली महिलाओ की भी फर्टिलिटी पर गलत असर पड़ता है। ज्यादा नशा या धूम्रपान करने पर मां बनने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

ज्यादा गर्भनिरोधक इस्तेमाल करने के कारण

आजकल महिलाए अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक पिल्स या इंजेक्शन का काफी इस्तेमाल करती हैं। गर्भनिरोधक पिल्स या इंजेक्शन के लगातार इस्तेमाल की वजह से भी महिलाओ को गर्भधारण करने में दिक्कत आ सकती है। गर्भधारण की इच्छा रखने वाली महिलाओं को पहले शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना चाहिए ताकि वे गर्भधारण कर सके। महिला की ख़राब सेहत होने वाले शिशु पर भी नाकारत्मक प्रभाव डालती है।

ओव्यूलेशन ना होना

ओव्यूलेशन गर्भधारण के लिए यह सबसे सही समय माना जाता है।ओव्यूलेशन पीरियड्स की वह अवस्था है जब महिलाओं में अधिक अंडोउत्सर्जन होता है। परन्तु कई महिलाओं को ओव्यूलेशन होता ही नहीं है। ओव्यूलेशन ना होने पर गर्भधारण करना मुश्किल है।

फेलोपियन ट्यूब का बंद होना

कई बार फेलोपियन ट्यूब बंद होने की वजह से भी ओव्यूलेशन की समस्या हो जाती है। ओव्यूलेशन ना होने पर महिलाओं में अंडोत्सर्जन नहीं हो पाता। फेलोपियन ट्यूब बंद होने के कारण या किसी भी ब्लॉकेज के कारण शुक्राणु अंडकोष तक पहुंच नहीं पाते जिस कारण महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पाती।

ऊपर लिखे हुए गर्भधारण में रुकवाटो के कारणों से दूर रहे और अपना ख्याल रखे।

यदि आप गर्भवती होना चाह रही है तो निचे लिखी बातों का ध्यान रखे!

  • धूम्रपान ना करे
  • सामान्य वजन बनाए रखें
  • शराब ना पिए

धूम्रपान ना करे

धूम्रपान का आपके स्वास्थ्य और आपकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। यदि आप धूम्रपान करती है और माँ बनना की सोच रही है तो तुरंत ही धूम्रपान छोड़ दें।

सामान्य वजन बनाए रखें

यदि आप गर्भधारण करना चाह रही है तो अपना वजन सामान्य बनाए रखें। वजन बढ़ने से या वजन कम होने पर आपके शरीर का हार्मोन बैलेंस बिगड़ सकता है जो की इंफर्टलिटी का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं वजन कम या अधिक होने पर महिलाओं में ओवुलेशन ना होने की समस्या भी हो सकती है। वजन कम करने के लिए व्यायाम करें।

शराब ना पिए

शराब पीने से महिला की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। यदि आप प्रेग्नेंट होना चाह रही है तो शराब ना पिए।

तनाव ना ले

तनाव भी आपके प्रेग्नेंट ना हो पाने का एक मुख्य कारण है। स्ट्रेस न ले और खुश रहे।

कैफीन कम ले

यदि आप गर्भवती होना चाहती है तो कैफीन की मात्रा कम ले अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन आपकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालता है।

बाँझपन के घरेलू इलाज

अश्वगंधा

यह बार-बार हुए गर्भपात के कारण, शिथिल-गर्भाशय को समुचित आकर में लाकर उसे स्वस्थ बनाने में मदद करती है। गर्म पानी के एक गिलास में अश्वगंधा चूर्ण का 1 चम्मच मिश्रण बनाकर, दिन में दो बार लें ।

अनार

अनार के बीज और छाल को बराबर मात्रा में मिलाएं उसका महीन चूर्ण बनाकर, एक एयर-टाइट जार में रख लें । कुछ हफ्तों के लिए दिन में दो बार गर्म पानी के एक गिलास के साथ इस मिश्रण का आधा चम्मच लें । आप ताजा अनार-फल भी खा सकते हैं, और अनार का ताज़ा रस भी पी सकते हैं। यह गर्भाशय की दीवारों को मोटा कर के गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए सहायक है। साथ ही, यह भ्रूण के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है ।

दालचीनी

दालचीनी डिम्ब-ग्रंथि के सही-सही रूप से कार्य करने में मदद कर सकती है । यह पी सी ओ, बांझपन के मुख्य कारणों में से एक के इलाज में भी मदद करती है। गर्म पानी के एक कप में, दालचीनी पाउडर का 1 चम्मच मिलाएं। कुछ महीनों के लिए दिन में एक बार इसे पीते रहें । इसके अलावा, अपने अनाज, दलिया, और दही पर भी दालचीनी पाउडर का छिड़काव कर के इसे अपने आहार में शामिल करें। इस मसाले का प्रयोग एक दिन में 2 चम्मच से अधिक ना करें।

खजूर

खजूर, गर्भ धारण करने के लिए, आपकी क्षमता को बढाने में मदद कर सकते हैं। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि:- विटामिन ए, ई और बी लोहा और अन्य ज़रूरी खनिज, जोकि एक महिला को गर्भ धारण करने के लिए और गर्भावस्था से लेकर बच्चे के जन्म तक आवश्यक हैं। 2 बड़े चम्मच कटे हुए धनिये की जड़ के साथ 10 से 12 खजूर पीस लें। पेस्ट बनाने के लिए गाय के दूध के ¾ कप मिलाएं और इसे उबाल लें। इसे पीने से पहले ठंडा होने दें। अपनी अंतिम माहवारी की तारीख से, एक सप्ताह के लिए, इसे दिन में एक बार पियें। एक स्वस्थ-नाश्ते के रूप में प्रतिदिन 6-8 खजूर खाते रहें और दूध, दही और स्वास्थ्य-पेय में भी कटे हुए खजूर का शामिल करें।

विटामिन-डी

विटामिन-डी गर्भावस्था के लिए और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए आवश्यक है। वास्तव में, विटामिन-डी की कमी, बांझपन और गर्भपात का कारण हो सकती है । सुबह- सुबह 10 मिनट के लिए धूप जरूर सेकें ताकि आपके शरीर में विटामिन-डी का निर्माण हो सके । विटामिन-डी से युक्त भोजन जैसे कि सामन,पनीर, अंडे की ज़र्दी और विटामिन-डी से सशक्त भोज्य-पदार्थों का सेवन करें । आप विटमिन-डी का सेवन गोलियों के रूप में भी कर सकती है परन्तु अपने चिकित्सक से परामर्श के बाद करे।

बरगद के वृक्ष की जडें

आयुर्वेद के अनुसार, बरगद के पेड़ की कोमल जडें महिला-बांझपन के इलाज में प्रभावी हैं । कुछ दिनों के लिए धूप में एक बरगद के पेड़ की कोमल जड़ों को सुखाएं । फिर इसका महीन चूर्ण बनाकर एक बंद डिब्बे में रख लें । एक गिलास दूध में चूर्ण के 1 से 2 बड़े चम्मच मिलाएं । माहवारी का समय खत्म होने के बाद लगातार तीन-रातों के लिए, खाली पेट इसे एक बार पियें । इसे पीने के बाद एक घंटे के लिए कुछ भी खाने से बचें । कुछ महीनों के लिए इस उपाय का पालन करें। अपने मासिक-धर्म चक्र के दौरान इस उपाय का प्रयोग न करें ।

योग

प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने में मदद हेतु कुछ योगासन है जैसे कि :- नाड़ी- शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, पश्चिमोत्तानासन, हस्तपादासन, जानू शीर्षासन, बाधा कोनासना, विपरीत-करणी और योग निद्रा इत्यादि । याद रखें, योग का लाभ लेने के लिए इसे ठीक-प्रकार से किया जाना चाहिए।

गुलकंद

50 ग्राम गुलकंद में 20 ग्राम सौंफ़ मिलाकर चबाकर खाएंं और ऊपर से 1 गिलास दूध नियमित रूप से पीएं. इससे बांझपन से मुक्ति मिलेगी।

पलाश

पलाश का एक पत्ता गाय के दूध में औटाएं और उसे छान कर पीएं. मासिक धर्म के बाद से शुरू करके यह प्रयोग 7 दिनों तक करना चाहिए।

त्रिफलाघृत

5 ग्राम की मात्रा में त्रिफलाघृत सुबह-शाम सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है जिससे स्त्री गर्भधारण करने योग्य हो जाती है।

पीपल

पीपल के सूखे फलों का चूर्ण बनाकर रख लें, मासिक धर्म के बाद 5-10 ग्राम चूर्ण खाकर ऊपर से कच्चा दूध पीएं यह प्रयोग नियमित रूप से 14 दिन तक करें।

सेमर

सेमर की जड़ को पीसकर 250 ग्राम पानी में पकाएं और फिर छान लें, मासिक धर्म के बाद चार दिन तक इसका सेवन करे।

बाँझपन के आर्युवैदीक उपचार-

  • कस्तूरी 2 रत्ती, अफीम, केसर, जायफल, प्रत्येक 1-1 मांशा, भाँग के पत्ते 2 मांशा 2 रत्ती, पुराना गुड़, सफेद कत्था प्रत्येक 5 माशा 2 रत्ती, सुपारी 3 नग्न, लौंग 4 नग, सभी को कूटपीस छानकर जंगली बेर के समान गोलियाँ बनाकर मासिक धर्म समाप्त होने के बाद 1-1 गोली सुबह-शाम 5 दिन तक खिलायें। इस औषधि से जिन स्त्रियों की आयु 40 वर्ष से भी अधिक हो गई और गर्भ नहीं ठहर पाया हो, उनकी भी मनोकामना पूर्ण हो गई । यदि प्रथम मास गर्भ न ठहरे, तो यही प्रयोग पुनः दूसरे तीसरे मास कर सकते हैं।
  • मोरपंख के अन्दर सुन्दर गोल (चाँद) 9 लेकर गर्म तवे पर भून लें। और बारीक पीसकर पुराने गुड़ में गूंथकर 9 गोलियां बना लें। मासिक धर्म आने के दिनों में 1-1 गोली बहुत सबेरे गाय के दूध के साथ 9 दिन तक खिलायें । इसके बाद पति पत्नी गर्भाधान करें। इस प्रयोग से भी यदि प्रथम मास में सफल न हो तो दूसरे तीसरे मास पुन; किया जा सकता है।
  • पीपल की दाड़ी छाया में सुखाई हुई और नागकेशर प्रत्येक 6-6 माशा, हाथी दाँत, बहुत बारीक कटा हुआ हो 1 तोला, असगन्ध, कायफल प्रत्येक 3 माशा लें । सभी औषधियों को अलग-अलग कूटपीसकर 2 तोला खांड में मिलाकर रख लें । मासिक धर्म आ चुकने के बाद रात को सोते समय 6 से 9 माशा की मात्रा में यह औषधि खिलायें और तीसरे चौथे दिन पति-पत्नी गर्भाधान करें । इस 5 दिन तक यह दवा खिलाते रहें । 3 मास के अन्दर गर्भ ठहर जाता है।
  • शास्त्रीय औषधि सुपारी पाक के निरन्तर सेवन से भी श्वेत प्रदर और, गर्भाशय के रोग और कमजोरी दूर होकर गर्भ ठहर जाता है ।
  • गोरोचन 3 ग्राम, गजपीपल 10 ग्राम, अश्वगन्ध 10 ग्राम लें। सभी को बारीक कूट पीसकर चूर्ण कर लें । ऋतु स्नान के पश्चात् चौथे दिन से 5 दिन तक यह चूर्ण 4-4 ग्राम की मात्रा में गौदुग्ध के साथ प्रयोग करें। तत्पश्चात् गर्भाधान करें । अवश्य गर्भधारण एवं पुत्र उत्पन्न होगा।
  • अश्वगन्ध नागौरी को कूट पीसकर चूर्ण बना लें । तदुपरान्त गौघृत से चिकना कर लें । मासिक धर्म के पश्चात् 1 मास तक निरन्तर 6 ग्राम चूर्ण गौघृत के साथ सेवन करायें । अवश्य गर्भ धारण होगा।
  • शिवलिंग के बीज 9 अदद मासिकधर्म के बाद 4 दिन तक निरन्तर सेवन करें, तत्पश्चात् गर्भाधान करें तो अवश्य गर्भ धारण होगा। यदि 1 बार में प्रयोग सफल न हो तो निराश न हों। 3-4 बार के प्रयोग में निराशा आशा में बदल जायेगी।
  • माजूफल 10 ग्राम, दक्षिणी सुपारी 10 ग्राम, हाथी दाँत का बुरादा 50 ग्राम लें । तीनों को कूटपीसकर गुड़ में मिलाकर रख लें । ऋतुकाल के पश्चात् स्नानकर शुद्ध होकर चौथे दिन से 6 ग्राम औषधि बछड़े वाली गाय के दूध के साथ सेवन करने से बाँझ स्त्री अवश्य गर्भवती हो जाती है।
  • अपामार्ग की जड़ का चूर्ण 30 ग्राम, काली मिर्च 30 नग दोनों को बारीक पीस लें । मासिक धर्म के 1 सप्ताह पूर्व से प्रयोग करें । तीन मास तक ब्रह्मचर्य का पालन करें । गर्भाशय के समस्त रोग दूर हो जाते हैं, मासिक धर्म नियमित हो जाता है । प्रदर एवं बांझपन को दूर करने वाला अमृत समान योग है।
  • भली प्रकार साफ की हुई अजवायन 4 ग्राम, सेंधानमक 2 ग्राम लें । दोनों को बारीक पीसकर एक साफ कपड़े में रखकर पोटली बनालें । इसे सावधानी से योनि में गर्भाशय के समीप रखें । कुछ ही मिनटों में तेजी से पानी जैसा प्रवाह चालू होगा और थोड़ी देर बाद स्वयं ही बन्द हो जायेगा । जब पानी बन्द हो जाये तब पोटली बाहर निकाल लें । इससे गर्भाशय के समस्त विकार बाहर निकल जायेगें। यह प्रयोग शाम को 4-5 बजे करें । उस दिन सुपाच्य एवं पौष्टिक भोजन खीर अथवा गर्म हलुवा का सेवन करें तथा रात्रि के द्वितीय पहर में पति के संग गर्भाधान करें । इस प्रयोग से अवश्य ही बाँझ स्त्री पुत्रवती हो जाती है।
  • मासिकधर्म के बाद अजवायन और मिश्री 25-25 ग्राम को 25 ग्राम पानी में रात्रि में मिट्टी के बर्तन में भिगोयें। प्रात:काल ठन्डाई की तरह खूब पीसकर पी जायें । पथ्य में मूंग की दाल और रोटी (बिना नमक की) खायें । औषधि सेवन मासिकधर्म के बाद आठ दिन तक निरन्तर करें । अवश्य गर्भ धारण होगा ।
  • बंगला पान 1 नग, लौंग 1 नग, बढ़िया अफीम 1 रत्ती लें । तीनों को बिना पानी मिलाये घोटकर गोलियां बनालें । मासिक धर्म स्नान के पश्चात् 1 गोली ताजा जल से प्रतिदिन 3 दिन तक निगलें और रात्रि में गर्भाधान करें । प्रथम मास में ही उम्मीद सफल हो जायेगी। यदि कामयाबी हासिल न हो तो धैर्य पूर्वक पुनः यहीं क्रिया दूसरे मास करें ।
  • सौंठ, काली मिर्च, पीपल, नागकेशर, सभी 20-20 ग्राम लें । कुटपीसकर चूर्ण बनाकर रख लें । इसे 3-3 ग्राम की मात्रा में गाय दूध में मिलाकर ऋतु स्नान के पीछे सेवन करायें । बाँझपन को नाश कर गर्भित करने वाला योग है।\
  • तुलसी के बीज आधा तोला पानी में पीसकर मासिक धर्म के समय 3 दिन तक देने से अवश्य गर्भ ठहर जाता है।
  • सुपारी और नागकेशर को समान मात्रा में लें । पीसकर कपड़े से छान कर लें। इस चूर्ण को 2-3 माशे की मात्रा में ऋतु काल के 16 दिन तक जल के साथ स्त्री के सेवन करने से अवश्य ही गर्भ ठहर जाता है।

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